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छह साल में सबसे बुरा बिजली संकट झेल रहा है भारत

भारत में बिजली की मांग और गर्मी दोनों ही इतनी बढ़ गई हैं कि लोगों का जीवन दूभर हो गया है.

छह साल में सबसे बुरा बिजली संकट झेल रहा है भारत
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भारत इस वक्त बिजली की भयंकर कमी से गुजर रहा है. पिछले छह साल में यह सबसे बुरा बिजली संकट है जिसने पिघलाती गर्मी में जीवन को इस कदर प्रभावित किया है कि लोग ना घरों में रह पा रहे हैं ना बाहर निकल पा रहे हैं. स्कूल-कॉलेज आदि भी बंद करने पड़ रहे हैं.

इस हफ्ते तमाम दक्षिण एशिया में गर्मी अपने चरम पर रही. इससे पहले मार्च का महीना इतिहास का सबसे गर्म मार्च साबित हुआ था, जिसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने देश में आग लगने के खतरों के प्रति लोगों को आगाह किया था. कई दिन से राजधानी दिल्ली में तापमान 40 डिग्री के ऊपर रहा और अनुमान है कि यह 44 डिग्री तक जा सकता है. यह आलम तब है जबकि गर्मी का मौसम अभी शुरू हुआ है और मॉनसून के आने से पहले जून में अक्सर सबसे अधिक गर्मी होती है.

चार-चार घंटे की कटौती

ओडिशा में सार्वजनिक स्थानों पर पानी के प्याऊ स्थापित किए गए हैं ताकि आने-जाने वाले लोगों को पानी की दिक्कत ना रहे, जबकि पश्चिम बंगाल के छह जिलों में तापमान औसत से पांच डिग्री ज्यादा रहा है, जिसकी वजह मौसम अधिकारियों ने कोलकाता में सामान्य से कम बारिश को बताया है. राज्य सरकार ने समय से पहले ही, यानी अगले हफ्ते से स्कूलों की गर्मियों की छुट्टियां शुरू करने का ऐलान किया है.

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पश्चिमी राज्य गुजरात में अधिकारियों को आशंका है कि तेज गर्मी के कारण ज्यादा लोग बीमार हो सकते हैं, इसलिए अस्पतालों में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. राज्य के स्वास्थ्य सचिव मनोज अग्रवाल कहते हैं, "हमने अस्पतालों को सलाह जारी की है कि हीट स्ट्रोक और गर्मी से होने वाले अन्य रोगों के लिए स्पेशल वॉर्ड तैयार रखें क्योंकि तापमान बढ़ सकता है.”

राजस्थान में बिजली की कटौती पहले से कहीं ज्यादा हो रही है. फैक्ट्रियों को चार घंटे की अतिरिक्त बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है. राजस्थान सबसे ज्यादा बिजली कटौती वाला तीसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है. एक राज्य ईकाई ने बताया, "मौजूदा बिजली संकट को देखते हुए समयबद्ध कटौती का फैसला किया गया है.” यह कटौती रिहायशी इलाकों में भी की जा रही है.

रिकॉर्ड मांग

आने वाले दिनों में यह बिजली संकट और बढ़ सकता है क्योंकि बिजली की मांग बढ़ रही है और गर्मी के कारण उत्पादन कम हो रहा है. अनुमान है कि बिजली की मांग चार दशक में सबसे ऊंचाई पर पहुंच गई है. गर्मी के कारण खुले आसमान के नीचे काम करने वाले मजदूरों की सेहत को लेकर भी चिंता बढ़ गई है. हर साल हीट स्ट्रोक के कारण गर्मी के मौसम में भारत में हजारों मौतें होती हैं. आईआईटी मुंबई में विशेषज्ञ अर्पिता मंडल बताती हैं, "भारत में ज्यादातर लोग गांवों में रहते हैं जहां एयरकंडिशनर जैसी सुविधाएं नहीं हैं.”

बिजली की मांग बढ़ने के कारण भारत में कोयले की भी बहुत ज्यादा कमी देखी जा रही है, जो भारत में बिजली उत्पादन का सबसे अहम ईंधन है. कोयले के भंडार नौ साल के सबसे कम स्तर पर हैं. गुरुवार को देश में बिजली की मांग रिकॉर्ड सर्वोच्च स्तर पर थी और अगले महीने यह आठ प्रतिशत और बढ़ सकती है.


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