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घुसपैठ को लेकर भारत ने किया पाकिस्तान उच्चायोग को तलब

विदेश मंत्रालय ने आज पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और रविवार को जम्मू एवं कश्मीर में सीमा पार घुसपैठ के प्रयास को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया

घुसपैठ को लेकर भारत ने किया पाकिस्तान उच्चायोग को तलब
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नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने आज पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और रविवार को जम्मू एवं कश्मीर में सीमा पार घुसपैठ के प्रयास को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया।

घुसपैठ के इस प्रयास में दो आतंकियों को मार गिराया गया था, जबकि तीन भारतीय जवान शहीद हो गए थे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और जम्मू एवं कश्मीर के सुदंरबनी सेक्टर में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा 21 अक्टूबर को सीमा पार घुसपैठ के प्रयास पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया, जिस दौरान भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।"

बयान में कहा गया है, "उन्हें बताया गया कि गोलीबारी के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा दो पाकिस्तानी सशस्त्र घुसपैठियों को मार गिराया गया और पाकिस्तान सरकार को अपने नागरिकों के शव वापस ले लेने चाहिए।"

बयान के मुताबिक, "मंत्रालय पाकिस्तान द्वारा उकसावे की ऐसी कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करता है। पाकिस्तान के इस कृत्य से आतंकवाद को मदद और बढ़ावा देने की उसकी मिलीभगत का खुलासा होता है। साथ ही इस तरह की हरकत से पाकिस्तान की शांति की इच्छा और रचनात्मक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के छलावा भरे दावे की भी कलई खुलती है।"

मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में पाकिस्तानी बलों द्वारा बगैर किसी उकसावे के संघर्षविराम उल्लंघन की जारी घटनाओं के प्रति गंभीर चिंता प्रकट करता है।

मंत्रालय ने कहा, "शांति और सौहाद्र्र कायम रखने के लिए 2003 के संघर्षविराम समझौते का पालन करने और संयम बरतने के बार-बार के आग्रह के बावजूद पाकिस्तानी बलों ने 2018 में अब तक अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में बगैर किसी उकसावे के संघर्षविराम उल्लंघन की 1,591 घटनाओं को अंजाम दिया है।"

बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान से उसकी द्विपक्षीय प्रतिबद्धता पर कायम रहने का आह्वान किया गया है, ताकि वह किसी प्रकार से अपने कब्जे में आने वाले क्षेत्रों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद को समर्थन देने के लिए न करे।"


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