Top
Begin typing your search above and press return to search.

बर्बादी की कगार पर पहुंचा देश,अर्थव्यवस्था में अभी नहीं होगा सुधार- IMF

महंगाई बेकाबू है और अर्थव्यवस्था धड़ाम है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब सुधरेंगे हालात, कैसे होगा देश का बेड़ा पार

बर्बादी की कगार पर पहुंचा देश,अर्थव्यवस्था में अभी नहीं होगा सुधार- IMF
X

पिछले कई महीनों से अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पा रही है. सरकार दावा करती है कि हम स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. इस साल तो संभलने की भी कोई उम्मीद नहीं है. पहले वर्ल्ड बैंक, फिर आरबीआई और अब आईएमएफ ने ऐसा अनुमान जताया है, जिससे लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़नी तय हैं. तो क्या कहते हैं आंकड़े. किसी भी देश का विकास तभी संभव है, जब महंगाई काबू में होगी, और अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी…लेकिन लगता है कि मोदी के राज में तो विकास नामुमकिन ही है. क्योंकि महंगाई बेकाबू है और अर्थव्यवस्था धड़ाम है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब सुधरेंगे हालात, कैसे होगा देश का बेड़ा पार…इस सवालों के जवाब सरकार से देते नहीं बन रहा है..लेकिन जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे साफ है कि हालात ठीक नहीं होंगे…आईएमएफ ने नया अनुमान जताया है कि महामारी से बुरी तरह प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में इस वर्ष के दौरान 10.3 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आ सकती है. हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.8 प्रतिशत की जोरदार बढ़त दर्ज की जाएगी…आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्‍त वर्ष के दौरान विश्व अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. वहीं, 2021 में 5.2 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ आगे बढ़ने का अनुमान है. आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 के दौरान दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केवल चीन ही एकमात्र देश होगा जिसमें 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी…रेटिंग एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि महामारी का कितना गहरा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. जिसकी वजह से जनता को नुकसान झेलना पड़ रहा है. लेकिन खासा प्रभाव भारत की जनता पर ही पड़ा है. क्योंकि यहां काम धंधे ठप पड़ने के साथ-साथ महंगाई भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसीलिए लोग उम्मीद करते हैं कि जल्द स्थिति में सुधार होगा..लेकिन ये उम्मीद टूटने वाली है. आईएमएफ ने गिरावट का अनुमान जता दिया है…लेकिन इससे पहले विश्व बैंक भी खतरे की घंटी बजा चुका है. बैंक ने कहा था कि भारत की जीडीपी इस वित्त वर्ष में 9.6 प्रतिशत घटेगी. इसके अलावा मूडीज समेत अन्‍य कई बड़ी रेटिंग एजेंसियां पहले से ही जीडीपी में गिरावट की आशंका जाहिर कर रही हैं….इन आंकड़ों के बाद जनता को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it