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भारत ने जी-20 देशों को बताई कोविड के दौरान शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियां

जी-20 देशों के शिक्षा मंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भारत भी शरीक हुआ

भारत ने जी-20 देशों को बताई कोविड के दौरान शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियां
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नई दिल्ली। जी-20 देशों के शिक्षा मंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भारत भी शरीक हुआ। शनिवार को हुई इस बैठक में भारत ने कोविड संकट के दौरान शिक्षा क्षेत्र में किये गए काम के बारे में विस्तार से बताया। जी-20 देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "भारत का शिक्षा तंत्र दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा तंत्र हैं, जिसमें 1000 से भी अधिक विश्वविद्यालय और 33 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं हैं। इसलिए कोविड संकट को देखते हुए हमने समय पर ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए थे और इसी को देखते हुए हमने बहुत पहले ही शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया था। परीक्षाएं भी स्थगित कर दी थी। मैंने स्वयं वेबिनार, ऑनलाइन मीटिंग इत्यादि के माध्यम से सभी प्रदेशों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, शिक्षण संस्थानों, छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों लगातार संवाद किया और उनकी समस्याओं को समझ कर उसका उचित समाधान दिया। इसकी वजह से सभी में व्याप्त अनिश्चितताओं को विराम दिया जा सका।"

निशंक ने कहा, "मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उत्कृष्ट डिजिटल शैक्षणिक सामग्री तैयार की है। यह सामग्री दीक्षा, स्वयं, स्वयं प्रभा, ई-पाठशाला और राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी आदि प्लेटफार्म द्वारा प्रदान की जा रही है। जिन विद्यार्थियों के पास डिजिटल संसाधन उपलब्ध नहीं है उन्हें स्वयं प्रभा के 24 घंटे चलने वाले डीटीएच चैनलों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।"

अन्य कार्यों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "उच्च शिक्षा के लिए 100 से भी अधिक विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है, विद्यार्थियों, शिक्षकों और छात्रों एवं अभिभावकों को मनोवैज्ञानिक सहयोग प्रदान करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा मनोदर्पण की शुरूआत की गई है जिसमें हम एक हेल्पलाइन के माध्यम से सभी को मनोवैज्ञानिक सलाह दे रहे हैं।"

अंत में अपनी बात खत्म करते हुए उन्होनें कहा, "मैं समझता हूं कि जहां भारत अभी तक पूरे विश्व में शैक्षिक एकजुटता को बढ़ावा देता रहा है आगे भी ऐसे ही बढ़ावा देता रहेगा। आज जी-20 के नेतृत्व में हम शिक्षा और शोध से जुड़ी सहयोगात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देकर आगे बढ़ सकते हैं। हमारे इन संयुक्त प्रयासों से संघर्ष के इस कठिन दौर से जी-20 और अधिक सशक्त, सक्षम और प्रासंगिक बनकर उभरेगा।"


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