भारत ने कश्मीर पर लेबर पार्टी के प्रस्ताव को खारिज किया
भारत ने बुधवार को ब्रिटेन की लेबर पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में कश्मीर पर पेश किए गए एक प्रस्ताव को बिना सूचना दिए हुए और निराधार और वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देने वाला बताते हुए खारिज कर दिया

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। भारत ने बुधवार को ब्रिटेन की लेबर पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में कश्मीर पर पेश किए गए एक प्रस्ताव को बिना सूचना दिए हुए और निराधार और वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देने वाला बताते हुए खारिज कर दिया। भारत ने इस मुद्दे पर लेबर पार्टी या उसके प्रतिनिधियों से संवाद करने से भी इंकार कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक बयान में कहा, "सरकार ने 25 सितंबर को लेबर पार्टी के सम्मेलन में भारतीय राज्य जम्मू एवं कश्मीर के संबंध में कई गतिविधियां देखीं।"
उन्होंने कहा, "इस कार्यक्रम में बिना सूचना दिए और निराधार तथ्यों को उठाए जाने पर खेद है। स्पष्ट रूप से यह वोट बैंक के हितों को बढ़ावा देने की कोशिश है। इस मुद्दे पर लेबर पार्टी या उसके प्रतिनिधियों से बात करने का तो प्रश्न ही नहीं है।"
लेबर पार्टी द्वारा पेश किए गए कश्मीर प्रस्ताव के अनुसार, "कश्मीर क्षेत्र में बड़ी संख्या में मानवीय संकट चल रहा है और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सीमापार से भारी गोलीबारी चल रही है।"
प्रस्ताव के अनुसार, "नागरिकों को जबरन घर में रखना, प्रदेश सरकार की सहायता से सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं के प्रति यौन हिंसा और क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन के तीव्र प्रसार का उल्लेख है, जो न सिर्फ जारी रहा है, बल्कि पिछले सप्ताह वह और बढ़ गया है।"
प्रस्ताव में "मुख्यधारा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नजरबंद करने या जेल में डालने, प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और संचार ब्लैकआउट के कारण मेडिकल एजेंसियों को परेशानी तथा लोगों का उनके रिश्तेदारों से संपर्क टूटने का उल्लेख है।"
सम्मेलन में लेबर पार्टी से पार्टी प्रमुख जेरेमी कोर्बिन या पार्टी के किसी अन्य व्यक्ति को प्रतिनिधि बनाकर संयक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन (यूएनएचआरसी) में शामिल होकर "पूरे क्षेत्र में बोलने और संचार की आजादी समेत मूल मानवाधिकार बहाल करने, कर्फ्यू हटाने और क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों तथा मानवाधिकार संगठनों को क्षेत्र में जाने की मंजूरी देने की मांग करने का आग्रह किया गया।"
सम्मेलन में यह भी मांग की गई कि कोर्बिन भारत और पाकिस्तान के उच्चायुक्तों से मुलाकात करें, जिससे "संभावित परमाणु युद्ध को रोकने के लिए शांति तथा स्थिरता बहाल करने के लिए मध्यस्थता की जा सके।"
सम्मेलन में स्वीकार किया गया कि "कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और संयुक्त राष्ट्र के संकल्पों के अनुसार कश्मीर के लोगों को उनकी किस्मत का फैसला करने का अधिकार देना चाहिए।"
प्रस्ताव में कहा गया, "लेबर पार्टी दखल के खिलाफ कश्मीर के लोगों के साथ हो, यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम सामाजिक न्याय और नैतिक विदेश नीति के साथ हैं।"
यह प्रस्ताव लेटन और वांस्टीड लेबर पार्टी पब्लिक ग्रुप द्वारा पेश किया गया और नॉटिंघम ईस्ट सीएलपी ने इसका समर्थन किया।
उज्मा रसूल, लेटन और वांस्टीड सीएलपी प्रतिनिधि कश्मीर पर इस आपातकालीन प्रस्ताव को पारित कराने में सफल रहे, जिस पर लेबर पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में बुधवार को चर्चा हुई थी।
लेबर सांसद नाज शाह ने भी पार्टी स्तर पर कश्मीर में आपातकालीन प्रस्ताव का समर्थन किया।
रिपोर्ट के अनुसार, इसके जवाब में लंदन में भारतीय उच्चायुक्त ने मंगलवार रात भारत के लेबर पार्टी के मित्रों के साथ भोजन का कार्यक्रम रद्द कर दिया।


