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भारत, पाकिस्तान ने करतारपुर पर तीन चक्र उच्चस्तरीय वार्ता की थी

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान ने समझौते पर हस्ताक्षर से पहले संयुक्त सचिव स्तर पर तीन चक्रों की उच्चस्तरीय वार्ता आयोजित की

भारत, पाकिस्तान ने करतारपुर पर तीन चक्र उच्चस्तरीय वार्ता की थी
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नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान ने समझौते पर हस्ताक्षर से पहले संयुक्त सचिव स्तर पर तीन चक्रों की उच्चस्तरीय वार्ता आयोजित की। इस कॉरिडोर का उद्घाटन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर शनिवार को बेहद धूमधाम से किया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच आधिकारिक बातचीत शुरू नहीं हुई है, लेकिन दोनों पक्षों ने बीते साल कॉरिडोर के खोले जाने के तौर-तरीकों पर बातचीत की। संयुक्त सचिव स्तर की वार्ता के अलावा उन्होंने सिख तीर्थयात्रियों के लिए प्रावधानों व कॉरिडोर के तौर-तरीकों पर तकनीकी स्तर की वार्ता की।

यह कॉरिडोर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और राजनेताओं की भारतीय तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की यात्रा की मांग पर बनाया गया है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब के नारोवाल जिले में स्थित है। सिख तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारे की यात्रा के बाद उसी दिन लौटना होता है।

गुरुद्वारा, पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित है। यह गुरुद्वारा गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से लगभग चार किमी दूर स्थित है और लाहौर से करीब 120 किमी उत्तर पूर्व में स्थित है। गुरु नानक देव यहां 18 सालों तक रहे और अपने आखिरी दिन गुजारे थे।

भारत व पाकिस्तान ने पहले चरण की वार्ता अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय हिस्से में 14 मार्च, 2019 को आयोजित की।

दूसरे चरण की वार्ता 14 जुलाई को वाघा सीमा पर पाकिस्तानी हिस्से में आयोजित हुई और पाकिस्तान ने प्रतिदिन 5,000 तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की यात्रा पर सहमति जताई।

पाकिस्तान ने भारतीय पासपोर्ट धारकों व ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारकों को साल भर वीजा मुक्त यात्रा को सैद्धांतिक रूप से सहमति दी।

पाकिस्तान ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल को भारत विरोधी किसी तरह की गतिविधि को इजाजत नहीं दिए जाने का भरोसा दिया।

दूसरे चरण की वार्ता पहले दो अप्रैल को होनी थी, लेकिन भारत द्वारा पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) में अलगाववादी खालिस्तानी सदस्यों की मौजूदगी की वजह से भारत ने चिंता जताई और यह वार्ता टल गई। भारत ने पीएसजीपीसी में खालिस्तान समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला की उपस्थिति पर आपत्ति जताई थी।

14 जुलाई की वार्ता से पहले पाकिस्तान ने 10 सदस्यीय पीएसजीपीसी को फिर से गठित किया और चावला को हटाया। लेकिन उसने एक खालिस्तान समर्थक नेता अमीर सिंह को समिति में शामिल कर दिया।

तीसरे चरण की वार्ता चार सितंबर को हुई, जिसमें कॉरिडोर के परिचालन के मसौदा समझौते पर चर्चा की गई और अंतिम रूप दिया गया।

दोनों पक्षों ने 24 अक्टूबर को सीमा के 'जीरो पॉइंट' पर करतारपुर एमओयू पर हस्ताक्षर किए।


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