थार एक्सप्रेस दुर्घटना होने से बाल-बाल बची
भारत पाक के मध्य चलने वाली थार एक्सप्रेस सवारी गाडी आज रेल चालक की सुझबुझ से दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गयी
जयपुर। भारत पाक के मध्य चलने वाली थार एक्सप्रेस सवारी गाडी आज रेल चालक की सुझबुझ से दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गयी। जोधपुर से कल देर रात रवाना हुई थार एक्सप्रेस आज सवेरे मुनाबाव की तरफ बढ़ रही थी कि कवास और उत्तरलाई के बीच एक लेवल क्रॉसिंग पर लोको पायलेट ने कुछ अवरोध देख आपात ब्रेक लगा दिए।
इस क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच एक बोलेरो गाडी फंसी हुई थी। यात्री गाडी में 315 यात्री सवार थे। भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस रात एक बजे जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगत की कोठी से रवाना हुई।
उल्लेखनीय है कि यह रेल रास्ते में बगैर रुके सीधे भारत के अंतिम रेलवे स्टेशन मुनाबाव तक जाती है। मौके पर पहुंची पुलिस ने रेलवे ट्रेक से गाडी को हटाने के बाद गाडी को सुरक्षित गंतव्य की ओर रवाना किया गया। पुलिस रेलवे ट्रेक पर गाडी मिलने की घटना को आतंकवादी साजिश से जोडकर भी देख रही है।
बाडमेर के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक रामेश्वर लाल ने “यूनीवार्ता“ को बताया कि रेलवे ट्रेक से बरामद की गयी बोलेरो जांच में चोरी की पायी गयी है जो कल रात ही चुराई गयी थी। उन्होंने बताया कि अभी यह स्पष्ट नही हुआ है कि रेलवे ट्रेक पर बोलेरो को जानबूझकर रखा गया था अथवा तकनीकी खराबी के कारण बदमाश उसे वहां छोड कर चले गये ।
उन्होंने रेलवे ट्रेक पर किसी साजिश के तहत गाडी छोडने से इंकार नही करते हुये कहा कि वारदात की जानकारी खुफिया विभाग सहित अन्य जांच एजेसियों को भी दे दी गयी है। अजय रमेश वार्ता - भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस रात एक बजे जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगत की कोठी से रवाना हुई।
यह रेल रास्ते में बगैर रुके सीधे भारत के अंतिम रेलवे स्टेशन मुनाबाव जाती है। - जोधपुर से मुनाबाव के बीच कोई ठहराव नहीं होने के कारण ३०२ यात्रियों को लेकर थार एक्सप्रेस तेज गति के साथ आगे बढ़ रही थी।
इस बीच कवास से थोड़ा अागे निकलने पर लोको पायलेट पूनमचंद और सहायक लोको पायलेट हीरालाल को पटरियों पर कुछ अवरोध नजर आया। - लोको पायलेट ने तुरंत आपात ब्रेक लगा थार एक्सप्रेस की गति को कम करते हुए रोक दिया।
थार एक्सप्रेस लेवल क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच में खड़ी एक जीप के बिलकुल निकट जाकर ठहरी। - यदि लोको पायलेट्स सजगता नहीं दिखाता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
यह क्रॉसिंग पार करते समय पटरियों के बीच पहुंच जीप खराब हो गई और वहीं अटक गई। बाद में लोको पायलेट की मदद से जीप को धक्के लगा पटरियों से हटाया गया। करीब पंद्रह मिनट तक वहां ठहरने के पश्चात थार एक्सप्रेस मुनाबाव के लिए रवाना हो पाई।


