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भारत को एआई तंत्र पर सावधानी से काम करने की जरूरत : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तंत्र पर काम करते हुए संयम और सावधानी बरतनी चाहिए

भारत को एआई तंत्र पर सावधानी से काम करने की जरूरत : राजनाथ
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तंत्र पर काम करते हुए संयम और सावधानी बरतनी चाहिए और मानवता की प्रगति के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

सिंह ने आगाह किया कि यह परमाणु शक्ति की तरह नहीं होना चाहिए, जिस पर केवल एक देश या देशों के समूह का ही प्रभुत्व हो।

रक्षा मंत्री सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित पहली एआई इन डिफेंस (एआईडीईएफ) संगोष्ठी और प्रदर्शनी के दौरान अभी हाल में विकसित 75 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उत्पादों/प्रौद्योगिकियों का शुभारंभ किया और इस बारे में अपने विचार व्यक्त किए।

उन्होंने कहा, हमें मानवता की प्रगति और शांति के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करना होगा। यह परमाणु शक्ति की तरह नहीं होना चाहिए, जिस पर केवल एक देश या देशों के समूह का प्रभुत्व हो और अन्य देश इस तकनीक से वंचित रह जाए।

सिंह ने कहा कि एआई ने रक्षा, स्वास्थ्य और चिकित्सा, कृषि, व्यापार और वाणिज्य तथा परिवहन सहित लगभग हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली है। उन्होंने सभी रक्षा हितधारकों से मानव चेतना की संयुक्तता के बंधन को बढ़ाने तथा एआई की योग्यता को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन के रूप में शामिल करने का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि एआई-सक्षम सैन्य उपकरण बड़ी मात्रा में डेटा को कुशलतापूर्वक संभालने में समर्थ हैं। यह उपकरण जवानों को प्रशिक्षण देने में भी काफी मददगार साबित हो रहे हैं। आने वाले समय में ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी तकनीकों का भी प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि प्रौद्योगिकी का आगमन घड़ी की गति की तरह है क्योंकि एक बार यह आगे बढ़ने के बाद वापस चल पाना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा, हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता की प्रगति को रोक नहीं सकते हैं और हमें इसकी प्रगति को रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। लेकिन हमें इसके बारे में सावधान रहने की जरूरत है।

सिंह ने कहा, चूंकि एआई एक ऐसी तकनीक है जो बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकती है, हमें कानूनी, नैतिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, हमें एआई पर बेहद सावधानी से काम करने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में तकनीक हमारे नियंत्रण से बाहर न हो जाए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास पर बोलते हुए, सिंह ने आगे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हवाला दिया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस प्रौद्योगिकी रूप से उन्नत देश है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। एआई के बारे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि जो कोई भी इस क्षेत्र में दिग्गज बनेगा, वहीं दुनिया का शासक बन जाएगा। हालांकि भारत वसुधैव कुटुम्बकम (पूरी दुनिया एक परिवार है) के सिद्धांत में विश्वास करता है और उसका दुनिया पर शासन करने का कोई इरादा भी नहीं है। हमें अपनी एआई प्रौद्योगिकी क्षमता विकसित करनी चाहिए ताकि कोई भी देश हम पर शासन करने के बारे में सोच भी न सके।

उन्होंने कहा, हालांकि, भारत दुनिया पर राज नहीं करना चाहता। भारत ने हमेशा एक संदेश दिया है कि पूरा विश्व एक परिवार है। सिंह ने कहा, हमने कभी भी दुनिया को जीतने का इरादा नहीं रखा है, लेकिन हमें भारत में एआई तकनीक को भी मजबूत करना होगा, ताकि कोई अन्य देश हम पर हावी न हो सके।


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