Top
Begin typing your search above and press return to search.

भारत ने भगवान बुद्ध के अवशेष भेजे मंगोलिया

भारत सरकार ने गौतम बुद्ध से जुड़े 22 अवशेषों में से चार को बुद्ध पूर्णिमा के जश्न के लिए मंगोलिया भेजा है.

भारत ने भगवान बुद्ध के अवशेष भेजे मंगोलिया
X

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू समेत 25 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भगवान बुद्ध के इन अवशेषों को लेकर मंगोलिया गया है. मंगोलिया में 14 जून को बुद्ध पूर्णिमा के समारोह का आयोजन किया जाएगा और इसी समारोह के तहत इन अवशेषों को एक प्रदर्शनी में रखा जाएगा.

अवशेषों को 11 दिनों तक मंगोलिया की राजधानी उलानबातार के गंदनतेगछिनलें मठ के बात्सागान मंदिर में रखा जाएगा और इस दौरान उन्हें एक "राजकीय अतिथि" का दर्जा दिया जाएगा

आम तौर पर इन अवशेषों को भारत से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं दी जाती है, लेकिन इस बार मंगोलिया की सरकार के अनुरोध पर इसको विशेष रूप से अनुमति दी गई है. रिजिजू ने कहा है कि इस कदम से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध और मजबूत होंगे.

माना जाता है कि बुद्ध की मृत्यु की बाद उनकी अस्थियों को उनके कई अनुयायियों में बांट दिया गया था और फिर इन अनुयायियों के जरिए ये अस्थियां अलग अलग देशों में पहुंच गईं.

ये चार अवशेष दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में रखे उन 22 "कपिलवस्तु अवशेषों" में से हैं जो 1898 में उत्तर प्रदेश के उस इलाके से बरामद हुए थे जिसे कुछ जानकार प्राचीन शहर कपिलवस्तु का स्थल मानते हैं.

माना जाता है बुद्ध ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत से पहले कपिलवस्तु में कई साल अपने परिवार के साथ बिताए थे. वहां से ये अवशेष शैलखटी (सोपस्टोन) की डिबियों में बरामद हुए थे. पुरातत्व विभाग (एएसआई) इन्हें बड़े एहतियात के साथ रखता है.

मंगोलिया में भी बुद्ध के कुछ अवशेष रखे गए हैं और इस साल बुद्ध पूर्णिमा के समारोह के दौरान भारत से गए अवशेषों को इन अवशेषों के साथ प्रदर्शनी में रखा जाएगा. इस कदम को बौद्ध धर्म को मानने वाले देशों की तरफ भारत के विशेष कूटनीतिक अभियान का एक हिस्सा माना जा रहा है.

इसी सिलसिले में मई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के लुंबिनी गए थे, जिसे बुद्ध की जन्मस्थली माना जाता है. मोदी ने वहां पूजा करने के अलावा वहां एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध केंद्र का उद्घाटन भी किया.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it