भारत ने अटल जी के नेतृत्व में 1998 में रचा था इतिहास
20 वर्ष पहले, भारत ने 11 मई और 13 मई, 1998 को एक नया इतिहास लिखा था, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दिशानिर्देशन में भारत ने पांच परमाणु परीक्षण किए

जयपुर। 20 वर्ष पहले, भारत ने 11 मई और 13 मई, 1998 को एक नया इतिहास लिखा था, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दिशानिर्देशन में भारत ने पांच परमाणु परीक्षण किए थे। यह पूरी तरह से एक गोपनीय कार्य था, जिसके बारे में कुछ लोगों को ही जानकारी थी।
11 मई, 1998 को जैसलमेर के लोग आम दिनों की तरह ही उठे, हालांकि कुछ बुलडोजर एक विशेष स्थल की तरफ कुएं जैसी आकृति की ओर ले जाए गए। फिर इन कुओं में बालू भरा गया।
कुछ मिनट बाद, इन्हें प्रज्वलित किया गया, जिसके बाद जोरदार धमाक हुआ और इस पूरे अभियान पर नजर रखने वाले कुछ वैज्ञानिकों ने अपनी जोरदार खुशी का इजहार किया।
दिल्ली में, तब वाजपेयी तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, तत्कालीन रक्षामंत्री जार्ज फर्नांडीस, वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ब्रजेश मिश्रा अपनी सांसे रोके बैठे थे।
हालांकि उस समय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जो उस समय वाजपेयी के वैज्ञानिक सलाहकार थे, ने हॉटलाइन के जरिए एक संदेश भेजा और कहा "बुद्धा स्माइल्स अगेन"। जिसके बाद वहां सभी खुशी से उछल पड़े।
तत्कालीन प्रधानमंत्री ने तत्काल वैज्ञानिकों को फोन किया और उन्हें उनकी सफलता के लिए बधाई दी।
इस परीक्षण ने पश्चिमी देश को आश्चर्यचकित कर दिया था।
परीक्षण के बाद भारत ने एक नई पहचान हासिल की। हालांकि अमेरिका ने भारत पर उस वक्त आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया था।
निर्भीक वाजपेयी ने दो दिन बाद फिर से परमाणु परीक्षण किया।


