Top
Begin typing your search above and press return to search.

खेलों से भारत खेलशक्ति तो बना ही, समाज के सशक्तिकरण का नया दौर भी शुरू हुआ : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षो में भारत में खेलों का एक नया युग शुरू हुआ है

खेलों से भारत खेलशक्ति तो बना ही, समाज के सशक्तिकरण का नया दौर भी शुरू हुआ : मोदी
X

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षो में भारत में खेलों का एक नया युग शुरू हुआ है। यह नया युग विश्व में भारत को एक खेलशक्ति बनाने का ही नहीं है, ये खेलों के माध्यम से समाज के सशक्तिकरण का भी नया दौर है। हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पोर्ट्स को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाना प्रस्तावित है। स्पोर्ट्स अब पाठ्यक्रम का हिस्सा होने जा रहा है। खेलों के माध्यम से भारत को खेलशक्ति बनाने का ही नहीं, समाज के सशक्तिकरण का भी नया दौर शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का उद्घाटन कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने खिलाड़ियों की दशकों पुरानी समस्या का निदान किया है। आज खिलाड़ियों के कल्याण के लिए बजट बढ़ाया गया है और खिलाड़ियों की पहचान करके उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भाग ले रहे खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "यूपी का सांसद होने के नाते यूपी में आने वाले सभी खिलाड़ियों का स्वागत करता हूं। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन से यूनिवर्सिटी में खेल के माहौल में बदलाव होगा और ये खेल उत्सव देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। आज यूपी में देश की खेल प्रतिभाओं का संगम बना है। पहले खेलों में घोटाले होते थे और अब पूरे देश में खेलों को लेकर नया माहौल है।"

उन्होंने कहा, "पहले की सरकारों ने केवल कार्यक्रमों के नाम बदले थे, अब खेल को नेक्सट लेवल पर ले जाया जा रहा है। पहले हमने खेलो इंडिया गेम्स की शुरुआत की। अब खेलो इंडिया विंटर्स गेम की भी शुरुआत हो गई है।"

पीएम मोदी ने योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा, "यूपी में खेलों के विकास को लेकर जो काम हो रहा है, वह बेहतरीन है। इन गेम्स का समापन मेरे निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में होगा और मैं उसी का इंतजार कर रहा हूं। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे टूर्नामेंट टीम भावना को विकसित करने में मदद करते हैं और विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान में मददगार होंगे।"

उद्घाटन समारोह की शुरुआत देश के जनमानस में बसे धर्म ग्रंथ रामायण पर एक प्रतीकात्मक कहानी के चित्रण के साथ हुई। इसे समृद्ध भारतीय संस्कृति और परंपरा को अष्टकोण के आकार की विशाल स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया, जो जमीन से 50 फुट ऊपर हवा में लटकी थी। इसके साथ ही गुरु-शिष्य परंपरा को दर्शाती गाथा पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसका भारतीय जन-जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान है।

इस आकर्षक शो में कलाकारों ने समृद्ध संस्कृति और विरासत से नए भारत के उत्तर प्रदेश के आधुनिक विकास में परिवर्तन की कहानी दर्शाई। इस दौरान खेलों के शुभंकर 'जीतू : द बारासिंघा' पर भी सबकी निगाहें टिकीं, जो गौरव का प्रतीक है। जीतू ने पिछले यूनिवर्सिटी गेम्स के शुभंकरों- जय और विजय के साथ जैसे ही मैदान में कदम रखा, माहौल रोमांचकारी हो गया। भारतीय ओलंपियन एथलीट पद्मश्री सुधा सिंह, हॉकी ओलंपियन दानिश मुज्तबा, राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता जूडोका विजय यादव और भारतीय हॉकी खिलाड़ी प्रीति दुबे ने इन खेलों की मशाल को रोशन किया।

इस अवसर पर खेलों के दौरान स्थिरता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया और सबने जीवन मिशन शपथ के साथ इसे सुनिश्चित करने की शपथ ली। इस दौरान खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 उत्तर प्रदेश के अधिकृत एंथम 'खेलो इंडिया - हर दिल में देश' को सुप्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर ने गाकर अपने सुरों से लोगों में जोश भर दिया। इसके साथ ही खिलाड़ियों ने दस दिवसीय इस आयोजन में खेल भावना के साथ अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए संकल्प भी लिया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it