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भारत ने बिम्सटेक क्षेत्र में संपर्क पर दिया बल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि बिम्सटेक में शामिल सभी देश अमन और समृद्धि चाहते हैं जोकि तभी संभव होगा जब इस क्षेत्रीय समूह के देशों के बीच सभी प्रकार के संपर्क बनेंगे

भारत ने बिम्सटेक क्षेत्र में संपर्क पर दिया बल
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काठमांडू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि बिम्सटेक में शामिल सभी देश अमन और समृद्धि चाहते हैं जोकि तभी संभव होगा जब इस क्षेत्रीय समूह के देशों के बीच सभी प्रकार के संपर्क बनेंगे। मोदी यहां बे आफ बंगाल इनीशिएटिव फार मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) के चौथे सम्मलेन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "हमारे हर देश को शांति, समृद्धि और खुशी की तलाश है, लेकिन आज एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में हम अकेले इसे नहीं प्राप्त कर सकते हैं।"

मोदी ने कहा, "हमें साथ-साथ चलना है, एक दूसरे की मदद करनी है और एक दूसरे के प्रयासों का पूरक बनना है।"

उन्होंने कहा, "मेरा विश्वास है कि इसके लिए सबसे बड़ा अवसर एक दूसरे से जुड़ने का, संपर्क का है। व्यापारिक संपर्क, आर्थिक संपर्क, परिवहन के माध्यम से संपर्क, डिजिटल संपर्क और लोगों के बीच संपर्क का अवसर है।"

मोदी ने बिम्सटेक देशों के बीच तटीय नौवहन और मोटर वाहन समझौते की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की आश्यकता बताई।

बैंकॉक घोषणा पत्र के माध्यम से छह जून 1997 को बिम्सटेक की स्थापना हुई थी।

इस क्षेत्रीय समूह में बंगाल की खाड़ी के तटीय क्षेत्र और उसके समीपवर्ती इलाके में स्थित देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं।

इस समूह की सम्मिलित आबादी 1.6 अरब है, जोकि दुनिया की आबादी का 22 फीसदी है और समूह का सम्मिलित सकल घरेलू उत्पाद 2,800 अरब डॉलर है।

बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बसे दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग है।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के एक समूह के तौर पर एक तरह से अप्रभावशाली होने के बाद भारत की ओर से हाल के दिनों में बिम्सटेक को अधिक महत्व दिया जा रहा है।

भारत प्राथमिकता के चार क्षेत्रों-आतंकवाद, अंतर्देशीय अपराध, परिवहन और संचार, पर्यटन और पर्यावरण के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में इन देशों के बीच सहयोग के मामले में अग्रणी देश है।

मोदी ने कहा कि बिम्सटेक के एक ओर हिमालय और दूसरी ओर प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के बीच बंगाल की खाड़ी है।

उन्होंने कहा, "इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत की पड़ोसी पहले की पॉलिसी और एक्ट ईस्ट पॉलिसी दोनों बंगाल की खाड़ी में मिलती है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि सदस्य देशों के उद्यमियों के बीच संपर्क और संयोजन सुनिश्चित करने के लिए भारत बिम्सटेक स्टार्टअप कान्क्लेव की मेजबानी करने को तैयार है।


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