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अगले तीन साल में भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद : वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय ने अंतरिम बजट (1 फरवरी) से कुछ दिन पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के अगले तीन वर्षों में 5 खरब डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है

अगले तीन साल में भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद : वित्त मंत्रालय
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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने अंतरिम बजट (1 फरवरी) से कुछ दिन पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के अगले तीन वर्षों में 5 खरब डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।

यह आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार किया गया भारत का आर्थिक सर्वेक्षण नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि यह आम चुनाव के बाद पूर्ण बजट से पहले आएगा।

दस साल पहले, मौजूदा बाजार कीमतों पर 1.9 खरब डॉलर की जीडीपी के साथ भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था।

समीक्षा में कहा गया कि आज कोरोना संकट के बावजूद व्यापक असंतुलन और टूटे वित्तीय क्षेत्र वाली अर्थव्यवस्था विरासत में मिलने के बावजूद यह 3.7 खरब डॉलर (अनुमानित वित्तीय वर्ष 24) की जीडीपी के साथ पांचवां सबसे बड़ा है।

यह 10 वर्षीय यात्रा ठोस और वृद्धिशील दोनों तरह के कई सुधारों से चिह्नित है, जिन्होंने देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन सुधारों ने आर्थिक लचीलापन भी प्रदान किया है, जिसकी देश को भविष्य में अप्रत्याशित वैश्विक झटकों से निपटने के लिए जरूरत होगी।

केंद्र सरकार ने 2047 तक 'विकसित देश' बनने का एक उच्च लक्ष्य निर्धारित किया है। सुधारों की यात्रा जारी रहने के साथ, यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

राज्य सरकारों की पूर्ण भागीदारी से सुधार अधिक उद्देश्यपूर्ण और फलदायी होंगे। राज्यों की भागीदारी तब पूर्ण होगी, जब सुधारों में जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर शासन में बदलाव शामिल होंगे, जिससे उन्हें नागरिक-अनुकूल और छोटे व्यवसाय-अनुकूल बनाया जाएगा और स्वास्थ्य, शिक्षा, भूमि और श्रम जैसे क्षेत्रों में राज्यों को मदद मिलेगी। इसमें एक बड़ी भूमिका निभानी है।

घरेलू मांग की मजबूती ने पिछले तीन वर्षों में अर्थव्यवस्था को 7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर तक पहुंचा दिया है।

घरेलू मांग, यानी निजी खपत और निवेश में जो मजबूती देखी गई है, उसकी उत्पत्ति पिछले दस वर्षों में सरकार के लागू सुधारों और उपायों से होती है।

बुनियादी ढांचे - भौतिक और डिजिटल - में निवेश और विनिर्माण को बढ़ावा देने के उपायों से आपूर्ति पक्ष को भी मजबूत किया गया है। ये मिलकर देश में आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान कर रहे हैं।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि इसके अनुसार वित्तवर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत के करीब रहने की संभावना है।


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