भारत ब्राजील ने 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किये
भारत एवं ब्राजील ने जैविक ईंधन और देसी गायों की प्रजाति के संवर्धन समेेत परस्पर सहयोग के 15 समझौतों एवं संधि पर हस्ताक्षर आज किये

नयी दिल्ली। भारत एवं ब्राजील ने जैविक ईंधन और देसी गायों की प्रजाति के संवर्धन समेेत परस्पर सहयोग के 15 समझौतों एवं संधि पर हस्ताक्षर आज किये तथा अपनी रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने के उद्देश्य से एक वृहद कार्ययोजना की घोषणा की।
Addressing the press with President @jairbolsonaro. Watch. https://t.co/4f4pJscRnq
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2020
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने यहां हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय बैठक में ये फैसले किये। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अलावा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल आदि मौजूद थे।
दोनों देशों ने जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये उनमें पेट्रोलियम पदार्थों में एथेनॉल के मिश्रण संबंधी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण एवं भारत में बायोएनर्जी संस्थान की स्थापना, तेल एवं प्राकृतिक गैस के उत्खनन, आपराधिक मामलों में विधिक सहयोग, स्वास्थ्य एवं औषधि, आयुर्वेद एवं होम्योपैथी, सांस्कृतिक आदान प्रदान, साइबर सुरक्षा, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग, भूगर्भविज्ञान एवं खनिज संसाधन, पशुपालन एवं डेयरी के करार शामिल हैं। दोनों देशों ने निवेश सहयोग एवं सुविधा संधि तथा निवेश एवं व्यापार संवर्धन एजेंसी के गठन के समझौते पर भी दस्तखत किये।
इस अवसर पर मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि भारत और ब्राज़ील की रणनीतिक साझेदारी हमारी समान विचारधारा और मूल्यों पर आधारित है। भौगोलिक दूरी के बावज़ूद हम विश्व के अनेक मंचों पर साथ हैं और विकास में एक-दूसरे के महत्वपूर्ण साझीदार भी हैं। इसलिए आज राष्ट्रपति बोल्सानारो के साथ हमारी बैठक में हमारी रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए एक वृहद् कार्ययोजना तैयार की गयी है। वर्ष 2023 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की प्लैटिनम जयंती होगी। तब तक यह कार्ययोजना हमारी रणनीतिक साझेदारी, जनता के बीच संबंधों और व्यापारिक सहयोग को और गहरा बनाएगी।
मोदी ने कहा कि हमने आज कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। निवेश हो या आपराधिक मामलों में कानूनी सहायता, ये समझौते हमारे सहयोग को नया आधार देंगे। बायाे एनर्जी, पशुनस्ल सुधार, स्वास्थ्य एवं पारंपरिक औषधि, साइबर सुरक्षा, विज्ञान और प्रोद्योगिकी, तेल और गैस तथा संस्कृति में हमारा सहयोग और तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, “गायों की स्वस्थ और उन्नत प्रजातियों पर सहयोग हमारे संबंधों का एक अनूठा और सुखद पहलू है। किसी समय, भारत से गीर और कंकरेजी गायें ब्राजील गयीं थीं। आज, ब्राजील और भारत इस विशेष पशुधन को बढ़ाने और उससे मानवता को लाभ पहुंचाने पर सहयोग कर रहे है। इस सहयोग के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को किसी भी भारतीय के लिए शब्दों में बयान कर पाना मुश्किल है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि परंपरागत क्षेत्रों के अलावा कई नए क्षेत्र भी हमारे संबंधों में जुड़ रहे हैं। हम रक्षा उद्योगों में सहयोग को बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर विचार कर रहे हैं। रक्षा सहयोग में हम वृहद साझेदारी चाहते हैं। इन संभावनाओं को देखते हुए हमें खुशी है कि अगले महीने लखनऊ में डेफेक्सपो 2020 में ब्राजील का एक बड़ा प्रतिनिध मंडल भाग लेगा। बायो एनर्जी, आयुर्वेद और एडवांस कंप्यूटिंग पर शोध में सहयोग बढ़ाने पर हमारे शिक्षाविदों और शोध संस्थानों के बीच सहमति बनी है।
मोदी ने कहा कि भारत के आर्थिक बदलाव में ब्राज़ील एक महत्वपूर्ण साझीदार है। खाद्य और ऊर्जा के क्षेत्रों में हमारी आवश्यकताओं के लिए हम ब्राज़ील को एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में देखते हैं। हमारा द्विपक्षीय व्यापार हांलाकि बढ़ रहा है। दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सेतु को देखते हुए हम इसे बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने विश्वास जताया कि बोल्सोनारों के साथ आये ब्राज़ील के प्रभावशाली कारोबारी समूह और भारतीय उद्यमियों एवं व्यापारियों के बीच मुलाकातों के अच्छे परिणाम आयेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की ओर से निवेश को सुगम बनाने के लिए आवश्यक कानूनी ढांचा तैयार किया गया है। आज के विश्व में भारत और ब्राज़ील के बीच सामाजिक सुरक्षा करार पेशेवरों के आसान आवागमन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
मोदी ने कहा कि दो बड़े लोकतांत्रिक और विकासशील देश होने के नाते महत्वपूर्ण वैश्विक और बहुपक्षीय मुद्दों पर भारत और ब्राज़ील के विचारों में गहरी समानता है। चाहे आतंकवाद की गंभीर समस्या हो या पर्यावरण का प्रश्न। विश्व के सामने मौजूदा कठिन चुनौतियों पर हमारा नजरिया बहुत मिलता-जुलता है। ब्राजील और भारत के हित समान है। विशेष रूप से ब्रिक्स और इब्सा में हमारी साझीदारी भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है। आज हमने तय किया है कि दोनों देश बहुपक्षीय मुद्दों पर अपने सहयोग को और दृढ़ बनायेंगे। और हम सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में आवश्यक सुधार के लिए मिलकर प्रयासरत रहेंगे।


