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भारत में जन्मी लेखिका को ऑस्ट्रेलिया में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में सम्मानित किया गया

भारत में जन्मी हिंदी और संस्कृत लेखिका-ट्रांसलेटर डॉ. मृदुल कीर्ति को हाल ही में संपन्न 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 'विश्व हिंदी सम्मान' पुरस्कार से सम्मानित किया है

भारत में जन्मी लेखिका को ऑस्ट्रेलिया में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में सम्मानित किया गया
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मेलबर्न। भारत में जन्मी हिंदी और संस्कृत लेखिका-ट्रांसलेटर डॉ. मृदुल कीर्ति को हाल ही में संपन्न 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 'विश्व हिंदी सम्मान' पुरस्कार से सम्मानित किया है। मेलबर्न की रहने वाली कीर्ति ने क्लासिक संस्कृत भाषा में लिखे सामवेद और अष्टावक्र गीता जैसे ग्रंथों का हिंदी और बृजभाषा में अनुवाद किया है।

जयशंकर ने एक ट्वीट में लिखा, ऑस्ट्रेलिया में रहने वालीं डॉ. मृदुल कीर्ति एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और भाषाई अंतर्²ष्टि का ब्रिज हैं। उन्होंने कई पुस्तकों का हिंदी कविता में अनुवाद किया है। भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के प्रति उनकी गहरी आस्था है।

वह खुद को भगवान के संदेश को फैलाने का एक विनम्र माध्यम मानती हैं और उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा अमर धार्मिक ग्रंथों के लेखन और अनुवाद में समर्पित किया है।

कीर्ति ने मेरठ विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी की है और उन्हें अनुवाद के लिए यूपी संस्कृत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन फिजी के नाडी में 15-17 फरवरी तक किया गया था, इसकी सह-मेजबानी भारत और फिजी की सरकारों द्वारा की गई थी।

समारोह का उद्घाटन करने वाले जयशंकर ने कहा, हमारा उद्देश्य है कि हिंदी को वैश्विक भाषा कैसे बनाया जाए। रिपोर्ट के अनुसार, सम्मेलन का मुख्य विषय हिंदी - ट्रेडिशनल नॉलेज ऑफ आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस था।

देवनागरी लिपि में लिखी गई और संस्कृत से प्रभावित हिंदी भाषा अंग्रेजी और मंदारिन के बाद 615 मिलियन बोलने वालों के साथ दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।


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