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सातवीं बार एशिया का बादशाह बना भारत

भारत रोमांच की पराकाष्ठा तक पहुंचे फाइनल में शुक्रवार को आखिरी गेंद पर बंगलादेश को तीन विकेट से पराजित कर सातवीं बार एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट का बादशाह बन गया

सातवीं बार एशिया का बादशाह बना भारत
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दुबई। भारत रोमांच की पराकाष्ठा तक पहुंचे फाइनल में शुक्रवार को आखिरी गेंद पर बंगलादेश को तीन विकेट से पराजित कर सातवीं बार एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट का बादशाह बन गया।

भारत ने बंगलादेश को उसके ओपनर लिटन दास (121) के शानदार शतक के बावजूद 48.3 ओवर में 222 रन पर रोक दिया था और फिर मध्य ओवरों में रोमांचक उतार-चढाव से गुजरते हुए 50 ओवर में सात विकेट के नुक्सान पर 223 रन बनाकर खिताब अपने नाम कर लिया।

भारत ने इससे पहले इस टूर्नामेंट को छह बार - 1984, 1988, 1990–91, 1995, 2010 में 50 ओवर के प्रारूप में और 2016 में ट्वंटी-20 प्रारूप में जीता था। भारत ने 2016 के एशिया कप में बंगलादेश को फाइनल में आठ विकेट से हराया था। भारत ने आठ साल के बाद 50 ओवर के प्रारूप में एशिया कप जीता।

बंगलादेश का यह तीसरा फाइनल था और उसका यह खिताब जीतने का सपना फिर अधूरा रह गया। उसे 2012 में पाकिस्तान के हाथों 50 ओवर के फाइनल में मात्र दो रन से हार का सामना करना पड़ा था।

लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 35 रन की जोरदार शुरुआत की लेकिन इस टूर्नामेंट में दो शतक बना चुके बाएं हाथ के ओपनर शिखर धवन को पांचवें ओवर में गंवा दिया। नजमुल इस्लाम ने शिखर को सौम्य सरकार के हाथों कैच करा दिया। शिखर ने 14 गेंदों में तीन चौकों की मदद से 15 रन बनाये। अंबाटी रायुडू मात्र दो रन बनाकर मशरफे मुर्तजा की गेंद पर विकेट के पीछ कैच दे बैठे। भारत ने 46 रन तक दो विकेट गंवा दिए।

कप्तान रोहित शर्मा (48) ने दिनेश कार्तिक (37) के साथ तीसरे विकेट के लिए 37 रन जोड़े। रोहित जब अपने अर्धशतक से मात्र दो रन दूर थे तो रुबेल हुसैन पर बड़ा शॉट मारने के प्रयास में सीमारेखा के पास नजमुल के हाथों लपके गए। भारत का तीसरा विकेट 83 के स्कोर पर गिरा। रोहित ने 55 गेंदों की पारी में तीन चौके और तीन छक्के लगाए।

कार्तिक ने महेंद्र सिंह धोनी के साथ चौथे विकेट के लिए 54 रन की साझेदारी की। कार्तिक को महमूदुल्लाह ने पगबाधा किया। कार्तिक ने 61 गेंदों पर 37 रन में एक चौका और एक छक्का लगाया। मैदान पर उतरे केदार जाधव ने आने के साथ ही सीधे छक्का लगाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। लेकिन कुछ देर बाद वह मांसपेशियों में खिंचाव आने से परेशानी में पड़ गए।

धोनी ने एक छोर संभाल रखा था और बड़े धैर्य के साथ भारत की पारी को आगे बढ़ा रहे थे लेकिन केदार की परेशानी का असर धोनी पर पड़ा और वह अपना विकेट गंवा बैठे। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मुस्ताफिजुर रहमान ने 37वें ओवर की पहली गेंद पर धोनी को विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम के हाथों कैच कराकर भारत को पांचवां झटका दे दिया। भारत का पांचवां 160 के स्कोर पर गिरा। धोनी ने 67 गेंदों पर 36 रन में तीन चौके लगाए।

भारतीय ड्रेसिंग रूम और कमेंट्री बॉक्स में लगातार चर्चा चल रही थी कि क्या केदार को पवेलियन बुलाया जाए लेकिन कप्तान रोहित ने इशारा किया कि केदार अभी खेलते रहे। केदार परेशानी में दिखाई दे रहे थे और 38वां ओवर समाप्त होते ही केदार को बाहर बुला लिया गया। केदार जब रिटायर्ड हर्ट हुए तो उनका स्कोर 19 रन और भारत का स्कोर 167 रन था।

मैदान पर उतरे भुवनेश्वर कुमार लेकिन भारत पर दबाव आ चुका था। रवींद्र जडेजा के रहते भारत की उम्मीदें बनी हुई थीं। दोनों फिट बल्लेबाजों के रहते भारत की विकेटों के बीच की दौड़ में गति आ गयी। जडेजा ने कुछ अच्छे शॉट खेलकर दबाव हटाया। भुवी ने भी आत्मविश्वास दिखाया और रुबेल पर सीधा छक्का मारकर भारत के 200 रन पूरे कर दिए। जडेजा छठे बल्लेबाज के रूप में 212 के स्कोर पर आउट हुए। उन्होंने 33 गेंदों पर 23 रन में एक चौका लगाया। जडेजा के आउट होते ही केदार वापस मैदान में लौटे। अंतिम दो ओवर में भारत को जीत के लिए नौ रन चाहिए थे। भुवनेश्वर को मुस्ताफिजुर ने 49वें ओवर की पहली गेंद पर उसी अंदाज में विकेट के पीछे कैच कराया जैसे उन्होंने धोनी को आउट कराया था। भुवनेश्वर ने 21 रन बनाउए।

कुलदीप ने आते ही सिंगल लिया और अब स्ट्राइक केदार के हाथों में थी और उन्होंने दो रन निकाले। मैच फिर आखिरी ओवर में पहुंच गया और भारत को छह रन चाहिए थे। महमूदुल्लाह के पारी की आखिरी ओवर की पहली दो गेंदों पर दो सिंगल गए। तीसरी गेंद पर कुलदीप ने दो रन निकाले जबकि चौथी गेंद डॉट रही। पांचवीं गेंद पर रन निकला और स्कोर टाई हो गया। भारत को आखिरी गेंद पर लेग बाई से विजयी रन मिल गया। केदार 23 रन पर और कुलदीप पांच रन पर नाबाद रहे।


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