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भारत और यूएई ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर किए हस्ताक्षर

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं

भारत और यूएई ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर किए हस्ताक्षर
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नई दिल्ली। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौते दुबई के क्राउन प्रिंस और यूएई के रक्षा मंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की भारत यात्रा के दौरान हुए।

भारत और यूएई के बीच किए गए समझौतों में अहम फैसला भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के कैंपस को दुबई में स्थापित करने का है। इस कैंपस में पहला एमबीए प्रोग्राम सितंबर 2025 में शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) का पहला विदेशी कैंपस भी दुबई में एक्पो सिटी में स्थापित किया जाएगा।

इसके अलावा, भारत-यूएई मित्रता अस्पताल की स्थापना के लिए दुबई में भूमि आवंटित करने, कोच्चि और वाडिनार में शिप रिपेयर क्लस्टर्स के विकास और भारत मार्ट के निर्माण कार्य की शुरुआत की घोषणा की गई है। इन समझौतों के तहत दुबई चेम्बर ऑफ कॉमर्स में एक भारतीय कार्यालय भी खोला जाएगा, जो व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने का काम करेगा।

आईआईएम- अहमदाबाद और आईआईएफटी के कैंपस का दुबई में स्थापित होना दोनों देशों के बीच शैक्षिक सहयोग को और प्रगाढ़ करेगा। इससे दुबई और यूएई को एक प्रमुख वैश्विक शैक्षिक केंद्र के रूप में उभरने में मदद मिलेगी। पिछले साल अबू धाबी में आईआईटी का पहला मध्य-पूर्व कैंपस खोला गया था। इन पहलों का फायदा यूएई में बसे 4.3 मिलियन भारतीय समुदाय और खाड़ी क्षेत्र में करीब 9 मिलियन भारतीयों को होगा।

भारत और यूएई के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत मार्ट और वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर (वीटीसी) की घोषणा की गई है। वीटीसी और मैत्री इंटरफेस को सपोर्ट करने के लिए किए गए उपायों से द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा। सीईपीए (कंप्रिहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट) लागू होने के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापार कई गुना बढ़ा है। इन पहलों के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापार 97 बिलियन डॉलर के पार जाने की उम्मीद है और गैर-तेल व्यापार का लक्ष्य 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।

भारत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी यूएई के लोग बड़ी संख्या में आते हैं। यूएई के कई शाही परिवारों के सदस्य भी भारत के स्वास्थ्य और कल्याण प्रणाली से लाभान्वित हुए हैं। इस योगदान के प्रतिकार के रूप में दुबई सरकार ने दुबई में 'भारत-यूएई मित्रता अस्पताल' की स्थापना के लिए भूमि आवंटित की है। इस अस्पताल का मुख्य उद्देश्य यूएई में बसे भारतीय समुदाय के नीले-कॉलर श्रमिकों को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना होगा।

इसके अलावा, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और ड्राइडॉक वर्ल्ड (डिपी वर्ल्ड कंपनी) ने शिप रिपेयर क्लस्टर्स के विकास के लिए एक समझौता किया है, जो भारत में शिप रिपेयर इकोसिस्टम में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करेगा और अतिरिक्त क्षमता जोड़ने में मदद करेगा।

भारत और यूएई के बीच व्यापारिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए दुबई चेम्बर ऑफ कॉमर्स में भारतीय कार्यालय की स्थापना भी एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय कंपनियां दुबई के पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी, हेल्थकेयर, रिटेल, शिक्षा और मनोरंजन क्षेत्रों में शीर्ष निवेशक हैं। हर साल, भारतीय कंपनियां दुबई चेम्बर ऑफ कॉमर्स में नई कंपनियां पंजीकरण कराती हैं, जो दुबई की कंपनियों में 30-40 प्रतिशत का योगदान देती हैं।

इसके बाद, क्राउन प्रिंस ने मुंबई में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की और सीईपीए के तहत द्विपक्षीय व्यापार के तेजी से बढ़ने पर चर्चा की। गोयल ने आशा जताई कि इन महत्वपूर्ण समझौतों से भारत और यूएई के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी और ये संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे।


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