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सुरक्षा संबंधों पर भारत और यूएई की संयुक्त रक्षा सहयोग बैठक

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई

सुरक्षा संबंधों पर भारत और यूएई की संयुक्त रक्षा सहयोग बैठक
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नई दिल्ली। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। अबू धाबी में हुई इस बैठक के दौरान भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात ने सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने, संयुक्त सैन्य अभ्यास व समुद्री सुरक्षा पर मंथन किया।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की बैठक का 12वां संस्करण है, जो अबू धाबी में आयोजित किया गया था।

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए सहयोग के व्यापक अवसरों पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच ट्रेनिंग, संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा औद्योगिक सहयोग, विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान, अनुसंधान एवं विकास आदि क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा की गई।

दोनों पक्षों ने समुद्री सहित क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श किया। सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

एक-दूसरे के अनुभव और ज्ञान से लाभ उठाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में यात्राओं के आदान-प्रदान पर भी चर्चा की गई। विशिष्ट क्षेत्रों में प्रशिक्षण के अवसरों के पारस्परिक आदान-प्रदान पर भी सहमति हुई।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्रालय, सशस्त्र बल और अबू धाबी में भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बैठक की सह-अध्यक्षता संयुक्त अरब अमीरात की ओर से ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ जमाल इब्राहिम ने की।

यात्रा के दौरान, संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद ने संयुक्त अरब अमीरात के रक्षा मंत्रालय के सहायक अवर सचिव अली अब्दुल्ला अल अहमद से मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की।

तवाज़ुन आर्थिक परिषद के सीईओ के साथ भी उनकी सार्थक बैठक हुई। जेडीसीसी के मौके पर दोनों देशों की नौसेना और सेना के बीच स्टाफ वार्ता भी आयोजित की गई। सेवा विशिष्ट सहयोग पर विस्तार से चर्चा की गई।

भारत-यूएई जेडीसीसी की स्थापना 2006 में हुई थी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक तब से, इस चर्चा के 11 दौर आयोजित किए जा चुके हैं। 12वीं बैठक ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत के रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और बढ़ाने, दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का अवसर प्रदान किया है।


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