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आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे भारत और स्पेन

भारत और स्पेन ने मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता जताते हुए आज साइबर सुरक्षा, नागर विमानन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के सात समझौतों पर दस्तख़त किये

आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे भारत और स्पेन
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मेड्रिड । भारत और स्पेन ने मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता जताते हुए आज साइबर सुरक्षा, नागर विमानन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के सात समझौतों पर दस्तख़त किये, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के राष्ट्रपति मरिआनो राहोय ने सुबह यहां द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये फैसले लिये।

अपनी चार देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव पर कल देर रात स्पेन पहुंचे श्री मोदी ने श्री राहोय से मुलाकात की और विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों तथा क्षेत्रीय एवं साझा हितों से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

बैठक में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग के सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये जिनमें नागर विमानन में तकनीकी सहयोग, अंग प्रत्यारोपण, साइबर सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, सज़ायाफ्ता कैदियों के हस्तांतरण, राजनयिक अकादमियों के बीच सहयोग तथा राजनयिक पासपोर्ट धारकों को वीसा में छूट संबंधी करार शामिल हैं।

श्री मोदी और श्री राहोय ने राजनीतिक एवं सुरक्षा मामलों में सहयोग, आर्थिक सहयोग साझेदारी, संयुक्त राष्ट्र सुधारों, भारत -यूरोपीय संघ संबंध, भूमध्यसागरीय क्षेत्र की गतिविधियों एवं आतंकवाद, दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता, कोरियाई प्रायद्वीप एवं अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति, जलवायु परिवर्तन एवं जल प्रबंधन, जनता के बीच संपर्क, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवान्वेषण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के बारे में विस्तृत विचार विमर्श किया।

दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को लेकर समझौते पर दो दौर की बातचीत हो चुकी है। दोनों नेताओं ने इस पर हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

श्री मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा, “भारत और स्पेन, दोनों ने आतंकवाद का सामना किया है और आज भी इसका तथा कट्टरवाद का खतरा पूरे विश्व के सामने सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती है। इस विषय पर सहयोग को मजबूत करना हमारे द्विपक्षीय एजेंडे का अहम हिस्सा है।” उन्होंने कहा, “हम दोनों द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

बदलते वैश्विक परिपेक्ष्य में मित्र देशों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक गतिविधियों पर गहन विचार विमर्श बहुत आवश्यक हैं। श्री राहोय यूरोप के बहुत वरिष्ठ राजनेता हैं, और मैं यूरोप के समक्ष अवसर तथा चुनौतियों के बारे में उनके विचार जानने को उत्सुक हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेन ने श्री राहोय के नेतृत्व में बहुत आर्थिक सुधार किये हैं।

भारत के एजेंडे में आर्थिक वृद्धि एवं विकास सबसे बड़ी प्राथमिकता है। भारत की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के अनेक क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें स्पेन को रेलवे, स्मार्ट सिटी, आधारभूत ढांचा आदि क्षेत्रों में काफी कौशल और महारत हासिल है। इन विषयों पर भी चर्चा हुई है। श्री मोदी ने कहा,“भारत और स्पेन के कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पिछले साल पूरे हुए। छह दशकों के घनिष्ठ संबंधों के बावजूद आज 1988 के बाद पहली बार भारत के प्रधानमंत्री की स्पेन यात्रा हो रही है। मैं समझता हूं कि भविष्य में इतना बड़ा अंतर दोबारा नहीं आएगा।”

उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी इस यात्रा से भारत स्पेन के संबंधों को एक नयी गति मिलेगी। इस बैठक के बाद श्री मोदी ने स्पेन के राजा किंग फिलिप चतुर्थ से भेंट की तथा दोपहर बाद उन्होंने स्पेन के कारोबारियों एवं उद्यमियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शिरकत की।

शाम को प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के सबसे अहम पड़ाव रूस के सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचेंगे जहां वह एक जून को राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ 18वीं भारत रूस वार्षिक शिखर बैठक में भाग लेंगे। यह पहला मौका है जब भारत रूस वार्षिक शिखर बैठक मास्को के बाहर हो रही है।

श्री मोदी दो जून को सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकॉनोमिक फोरम की बैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होेंगे। प्रधानमंत्री दो जून को देर शाम पेरिस पहुंचेंगे।

अगले दिन यानी तीन जून को उनकी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रोन के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। फ्रांस भारत का रणनीतिक साझीदार है और फ्रांस में नये राष्ट्रपति के बागडोर संभालने के बाद हो रही श्री मोदी की यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों नेता परस्पर हितों के द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।


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