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रांची में रैली के नाम पर भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन कर रहा इंडिया गठबंधन : बाबूलाल मरांडी

भारतीय जनता पार्टी ने 21 अप्रैल को रांची में होने वाली इंडिया गठबंधन की रैली को भ्रष्ट ताकतों का सम्मेलन करार दिया है

रांची में रैली के नाम पर भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन कर रहा इंडिया गठबंधन : बाबूलाल मरांडी
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रांची। भारतीय जनता पार्टी ने 21 अप्रैल को रांची में होने वाली इंडिया गठबंधन की रैली को भ्रष्ट ताकतों का सम्मेलन करार दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह भ्रष्टाचारियों का भ्रष्टाचारियों के लिए भ्रष्टाचारियों द्वारा आयोजित किया जा रहा सम्मेलन है।”

उन्होंने आदिवासी संस्कृति में पवित्र क्रांति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले “उलगुलान” शब्द का इस्तेमाल रैली के लिए किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। मरांडी ने कहा कि आदिवासी समाज की जमीनों और उनके संसाधनों को लूटने और तबाह करने वाले उलगुलान जैसे पवित्र शब्द का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं?

उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के साथियों को इतिहास में झांककर उलगुलान विद्रोह के बारे में पढ़ना चाहिए। उलगुलान विद्रोह मूल निवासियों के संसाधनों, उनकी जमीनों और उनके अधिकारों को जमीदारों और साहूकारों द्वारा छीने जाने के विरोधस्वरूप उत्पन्न हुआ था। आज इंडी गठबंधन उन्हीं साहूकारों और जमीदारों की तरह आदिवासी समाज की जमीनों को हड़पकर उलगुलान जैसे शब्द का राजनीतिकरण कर जनता को बरगलाने का प्रयास कर रहा है।

मरांडी ने कहा कि इंडी गठबंधन के लिए मुद्दा- सच्चाई, इंसाफ, न्याय न होकर, भ्रष्टाचारी हेमंत को अपराध मुक्त घोषित करना है। रैली में शामिल होने वाले इंडी गठबंधन के साथियों के लिए आदिवासी कल्याण कभी मुद्दा था भी नहीं, और आज भी नहीं है। उनके लिए मुख्य विषय यह है कि हेमंत के भ्रष्टाचार को उजागर क्यों किया गया? उसके शोषण और अत्याचार के तरीकों को जनता के पटल पर रखकर बताया क्यों गया। उन्हें इस बात से परेशानी है कि हेमंत सोरेन जो एक मुख्यमंत्री थे, उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा थी, जो आदिवासी समाज से खुद को ऊपर मान बैठे हैं, समाज के सामने उनकी वास्तविकता को क्यों बताया जा रहा है, उनके भ्रष्टाचार तथा आदिवासी समाज की लूटी हुई जमीनों के सच को उजागर क्यों किया जा रहा है?

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले चार साल के कार्यकाल में हेमंत ने आदिवासी समाज के मान, सम्मान और पहचान को न सिर्फ धूमिल किया है, बल्कि आदिवासी धरोहरों को नष्ट करके उनके संसाधनों को बिचौलियों के हाथों बेचने का तथा उनकी जमीनों को अवैध तरीके से कब्जा करने तथा अपने साथियों की मदद से कागजों में भी हेरफेर करने का कुत्सित प्रयास किया है। इंडी-गठबंधन के आए हुए साथियों की वंशावली निकालकर आप सभी देख सकते हैं कि इनका रैली में आने का मकसद परिवारवाद की राजनीति को और आगे तक बढ़ाना और अत्याचार तथा शोषण के नए-नए तरीकों से जनता को गुमराह करना है।


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