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2009 में अकेला था भारत, 2019 में मिला दुनियाभर का समर्थन

भारत ने आज कहा कि मसूद को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अभूतपूर्व समर्थन मिला है

2009 में अकेला था भारत, 2019 में मिला दुनियाभर का समर्थन
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नयी दिल्ली। भारत ने आज कहा कि उसे पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अभूतपूर्व समर्थन मिला है और इससे पता चलता है कि इस बारे में भारत की कूटनीति विफल नहीं रही है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीटर पर कहा कि हमने मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अभूतपूर्व समर्थन हासिल किया है।



श्रीमती स्वराज का बयान फ्रांस द्वारा मसूद अजहर की सभी संपत्तियों को जब्त करनेे की घोषणा किये जाने के बाद आया है।

फ्रांस ने यह भी कहा है कि वह यूरोप के अन्य देशों से भी मसूद अजहर को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों, संगठनों या समूहों की सूची में जोड़ने का आग्रह करेगा।

विदेश मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भारत की कूटनीतिक विफलता के आरोपों पर कहा कि ऐसे आरोप लगाने वाले नेता तथ्यों की पड़ताल करें तो पाएंगे कि भारत 2009 में अकेला खड़ा था लेकिन आज 2019 में भारत को दुनियाभर का समर्थन हासिल है।

उन्होंने कहा कि 2019 में मसूद अज़हर को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव अमेरिका, फ्रांस आैर ब्रिटेन ने पेश किया था जिसे सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों में से 14 का समर्थन हासिल हुआ। ऑस्ट्रिया, बंगलादेश, इटली और जापान प्रस्ताव के सहप्रायोजक बने।

उन्होंने कहा कि मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति के दायरे में लाने के लिए चार बार प्रस्ताव लाया गया। वर्ष 2009 में भारत अकेला प्रस्तावक था। 2016 में भारत के प्रस्ताव के सहप्रायोजक अमेरिका, फ्रांस एवं ब्रिटेन बने जबकि 2017 में अमेरिका, ब्रिटेन एवं फ्रांस ने प्रस्ताव पेश किया था।


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