शुभम को न्याय दिलाने लिपिक संघ का अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू
दिवंगत लिपिक शुभम पात्र को न्याय दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार से जिले के लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए है

गरियाबंद। दिवंगत लिपिक शुभम पात्र को न्याय दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार से जिले के लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए है। इस दौरान स्थानीय गांधी मैदान में हड़ताल के पहले ही दिन लिपिको ने अपने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए शासन प्रशासन के विरूध्द जमकर नारेबाजी की और तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इस अवसर जिलेभर के 200 से अधिक लिपिको के साथ प्रमुख रूप से लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी भी गरियाबंद पहॅुच हड़ताल में शामिल हुए।
हड़ताल में जाने से पहले कर्मचारियो ने दिवंगत शुभम पात्र को श्रध्दांजली अर्पित की। इस मौके पर लिपिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा कि मानसिक प्रताडऩा के चलते शुभक ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में यह बात स्पष्ट होने के बाद भी जिला और पुलिस प्रशासन दोषी अधिकारी के विरूध्द कार्यवाही नही रह रहा है। प्रशासन द्वारा अधिकारी को बचाने की साजिश रची जा रही है परंतु लिपिक संघ ऐसा होने नही देगा। उन्होने कहा कि पूरे प्रदेशभर के लिपिको में इस मामले को लेकर जबर्दस्त आक्रोश है। कल प्रदेश के सभी जिलो में रैली और धरना प्रदर्शन हुआ। गरियाबंद में जिले में अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। सोए हुए प्रशासन को बताना चाहूॅगा कि प्रदेशभर के लिपिक सहित अन्य कर्मचारी संगठन दिवंगत शुभम को न्याय दिलाने एकजुट है। इसके लिए हम हर लड़ाई हर संघर्ष के लिए तैयार है। प्रशासन मामले को ठंडे बस्ते में डालने के बजाय त्वरित कार्यवाही करते हुए दोषी तहसीलदार विरूध्द तत्काल एफआईआर दर्ज करे नही तो प्रदेभर के लिपिक अनिश्चितकालीन आंदेालन करेंगे इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर संघ के प्रांतीय सचिव सुनील यादव ने कहा कि आरोपित अधिकारी को बचाने हर तरह के प्रयास किया जा रहा है, हमारे साथी जिसको लिपिक बने अभी कुछ साल ही हुए थे उसे इतने दबाव में यह कदम उठाना पड़ा यह सबके लिए शर्मनाक है। इस मामले में प्रशासन का सुस्त रवैया और कार्यवाही में विलंब कई प्रकार के शंकाओ को पैदा करता है। प्रशासन तत्काल दोषी अधिकारी के विरूध्द एफआईआर दर्ज कर उसे निलंबित करे। उन्होने कहा कि अगर सुशांत राजपूत मामले में बिना सुसाइड नोट के एफआईआर हो सकती है तो इस मामले में सुसाइड नोट मिलने के बावजूद अब तक एफआईआर नहीं हुई है ये समझ से परे है। इसके अलावा कई कर्मचारियो नेताओ ने भी अपनी बात रखी।
इधर मामले में अब लिपिक संघ के साथ कई कर्मचारी संगठन भी समर्थन में उतर गए है। मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष आरिफ मेमन, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ अध्यक्ष लखन लाल साहू, बसंत त्रिवेदी, अभियंता संघ से संतोष साहू, पटवारी संघ अध्यक्ष मनोज खरे, अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल गिरी गोस्वामी, पशु चिकित्सा संघ, कृषि विस्तार अधिकारी संघ, सहायक विकास विस्तार अधिकारी संघ, स्वास्थ्य संयोजक संघ, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ सहित विभिन्न संगठन के पदाधिकारी शुभम पात्र को न्याय दिलाने की मांग का समर्थन करते हुए आंदोलन में शामिल हुए।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष पन्नालाल देववंशी, प्रांतीय महामंत्री सुदामा ठाकुर, जिला सचिव बसंत मिश्रा, एलपी वर्मा, देवेश शर्मा, देवेंद्र वर्मा, राकेश शर्मा, सूरज बोरकर, भागवत साहू अमृतलाल ठाकुर, भगवत दयाल ध्रुव, श्याम तिवारी, प्रशांत मेनपाल, जीआर ध्रुव, गजेंद्र मारकंडे, आरके पाटिल, दयालु राम यादव, निकेश साहू, विवेक टेमरे, माधुरी यादव, भगवती धीवर, दुर्गा ध्रुव, शिखा देवांगन, बिंदु कश्यप, स्वर्णालता गिथोड़े, संतोष सेन, सोमनाथ परना, रोहित तिवारी, सत्या यादव, जेएल सिदार, आदित्य ठाकुर, केसी साहू, एनके साहू, एलआर टांडी, सुष्मिता उपाध्याय, दीपयंती तिवारी, पुन्नी साहू, पुष्पा निर्मलकर, मिथिलेश किषाणु, गिरवर ध्रुव, प्रशांत मेनपाल सहित जिले के सभी ब्लाक के लिपिक मौजुद थे।


