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दार्जिलिंग की पहाड़ियों में जारी अनिश्चितकालीन बंद, जनजीवन बुरी तरह प्रभावित

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में जारी अनिश्चितकालीन बंद पर तेज हुए मतभेद के एक दिन बाद जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग के समर्थकों ने रैलियों और नाकेबंदियों को आगे बढ़ाया

दार्जिलिंग की पहाड़ियों में जारी अनिश्चितकालीन बंद, जनजीवन बुरी तरह प्रभावित
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दार्जीलिंग। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जेजेएम) के नेतृत्व के बीच दार्जिलिंग की पहाड़ियों में जारी अनिश्चितकालीन बंद पर तेज हुए मतभेद के एक दिन बाद जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग के समर्थकों ने रैलियों और नाकेबंदियों को आगे बढ़ाया है, जिससे क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया है। हजारों बंद-समर्थक कार्यकर्ता उत्तरी पश्चिम बंगाल की पहाड़ियों के कुर्सियांग, सोनादा, रंगन और दार्जिलिंग सहित कई स्थानों पर सड़कों पर उतरे और बंद को 1 सितंबर से 12 सितंबर तक के लिए रोकने का ऐलान करने वाले जीजेएम के संयुक्त सचिव विनय तमांग और पार्टी नेता अनीत थापा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

गुरंग की गोरखालैंड आंदोलन के निर्विवाद नेता के रूप में प्रशंसा करते हुए आंदोलनकारियों ने इस क्षेत्र को राज्य का दर्जा दिए जाने तक अपना विरोध जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने 'विनय तमांग मुर्दाबाद' और 'हम गोरखालैंड चाहते हैं' जैसे नारे लगाए।

बंद के कारण दार्जीलिंग और पहाड़ के अन्य इलाके सुनसान पड़े हुए हैं। दुकानें, स्कूल, कॉलेज और कार्यालय शुक्रवार सुबह से बंद हैं।

जीजेएम के महासचिव रोशन गिरी ने पहाड़ में इस नए आंदोलन को लोगों का आंदोलन बताते हुए कहा कि यहां के लोग गोरखालैंड के अलग राज्य बनने तक बंद जारी रखा चाहते हैं। वे इस मकसद के लिए तकलीफें उठाने को तैयार हैं। हम उनकी कुर्बानियों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। हमारी एकमात्र मांग गोरखालैंड राज्य की स्थापना है।


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