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स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने से बढ़ी चिंता

गोरखपुर मेडिकल कालेज में एक साथ 55 से अधिक बच्चों की मौत होने के बाद गाजियाबाद में बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मरीजों से राजधानी में भी चिंता बढ़ने लगी है

स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने से बढ़ी चिंता
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गाजियाबाद। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में एक साथ 55 से अधिक बच्चों की मौत होने के बाद गाजियाबाद में बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मरीजों से राजधानी में भी चिंता बढ़ने लगी है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने फोन पर वार्ता करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए जरूरी दिश निर्देश दिए।

हिदायत भी दिया कि मरीजों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। फ्लू की चपेट में आने वाले सी ग्रेड यानि गंभीर मरीजों को बिना रिपोर्ट आए ही लक्षण के आधार पर भर्ती कर उपचार शुरू किया जाए। शासन ने टोल फ्री नंबर 18001805145 जारी कर बताया कि किसी भी समय स्वाइन फ्लू से संबंधित जानकारी ली जा सकती है। जिले में अब तक 60 से अधिक स्वाइन फ्लू के मरीज मिल चुके हैं, इनमें से दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है।

श्रेणी को उपचार की नहीं है जरूरत

नई गाइड लाइन में बताया गया है कि स्वाइन फ्लू को तीन श्रेणी ए, बी एवं सी में विभाजित किया गया है। इसमें ए श्रेणी के मरीज यानि जिसे हल्का बुखार, गले में खरास, कफ, सिर दर्द या डायरिया की परेशानी हो रही हो, उसमें मरीज को ओसाल्टामिविर देने की जरूरत नहीं है, इन मरीजों को परिवार के सदस्यों से दूरी बनाए रखते हुए घर के अंदर रहें और खान-पान पर ध्यान दें। इन मरीजों को 24 घंटे के बाद दोबारा चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

बी श्रेणी को इलाज की जरूरत है भर्ती की नहीं

ए श्रेणी के लक्षण मिलने के साथ ही जिन मरीजों में तेज बुखार के साथ गंभीर खराश की परेशानी हो तो उसे घर के अंदर ही रहना चाहिए उसे ओसाल्टामिविर दिया जा सकता है।

इन्हें दी जाएगी बिना जांच दवाई

इन लक्षणों के साथ ही अगर कोई मरीज पहले से ही किसी गंभीर बीमारी की चपेट में हो तो उसे किसी तरह की जांच की आवश्यकता नहीं है बल्कि उसका स्वाइन फ्लू का उपचार किया जाए। खासतौर से गर्भवती महिलाएं, 65 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे। फेफड़े या लीवर से संक्रमित, कैंसर, एचआइवी, टीबी या अन्य गंभीर की चपेट वाले मरीज।

श्रेणी सी को किया जाए तत्काल भर्ती

ए श्रेणी के लक्षण मिलने के साथ ही जिन मरीजों को सांस फूलने, सीने में दर्द, बीपी कम होने, नाखूनों के नीले पड़ने, सांस की कमी, लंबे समय से तेज बुखार की चपेट में हों उनके सेंपल जांच के लिए भेजने के साथ ही उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।

कंट्रोल रूम का नंबर जारी होने के साथ ही स्थानीय स्तर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मुंशीलाल का नंबर 9837026647 और जिला मलेरिया अधिकारी का मोबाइल नंबर 9810454002 जारी किया गया है। इसके साथ ही मेरी लोगों से अपील है कि स्वाइन फ्लू की चपेट में आने पर घबराएं नहीं, खान-पान पर विशेष ध्यान दें। अस्पताल में जांच कराएं।


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