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महाराष्ट्र में बंद को लेकर बढ़ा तनाव

 पुणे के भीमा-कोरेगांव में सोमवार को कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में जहां व्यक्ति की मौत हो गयी थी, वहीं कई घायल हो गये थे

महाराष्ट्र में बंद को लेकर बढ़ा तनाव
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नई दिल्ली। पुणे के भीमा-कोरेगांव में सोमवार को कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में जहां व्यक्ति की मौत हो गयी थी, वहीं कई घायल हो गये थे। यहां पर जातिय हिंसा उग्र रुप ले चुका है। वहीं इस हिंसा को देखते हुए सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिये हैं और पुलिस की तैनात कर दी गई है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर तीन लाख लोग आये थे जिसमें यह हिंसा भड़की है। हमने पुलिस की 6 कंपनियां तैनात की थी। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसा फैलाई और ऐसी हिंसा बर्दाशत नही की जाएगी। महाराष्ट्र में हर साल यह दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता रहा है. कुछ बाहरी लोगों ने वधु गांव के लोगों को भड़काया और यहां हिंसा फैल गयी।



आपको बता दें कि प्रदर्शन के चलते राज्य में बस और रेल सेवा पर भी गहरा असर पड़ा है।



भारिप बहुजन महासंघ के नेता और बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने हिंसा रोकने में सरकार की विफलता के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए आज महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है।



वहीं प्रदर्शन के चलते प्रशासन ने आज नासिक और औरंगाबाद में स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है। हालांकि मुंबई में आज स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे। मुंबई यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं तय समय पर होंगी। उधर, मुंबई में डिब्बेवालों से खाना लेने वालों को आज मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि आज उन्होंने सेवा बंद रखने का फैसला किया है. औरंगाबाद में इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया है।



आपको बता दें कि इस फैलती हिंसा पर राजनीति भी तेज हो गई है। जिगनेश मेवानी और उमर खालिद पर इस हिंसा को भड़काने के लिए केस कर दिया गया ।

आपको बता दें कि कुछ दलित संगठनों के महाराष्ट्र बंद के आह्वान के कारण राज्य में कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित हुआ है। इन संगठनों ने पुणे के भीमा कोरेगांव में हुई जातीय हिंसा के विरोध में बंद का आह्वान किया है। बंद को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं। कई इलाकों में एहतियातन धारा 144 लगा दी गई है।

बंद के दौरान यातायात में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए डब्बावालों ने आज अपनी सेवा रोकने का फैसला किया है। डब्बावाला संगठन के प्रमुख सुभाष तालेकर ने कहा कि बंद के कारण टिफिन सही समय पर पहुंचाने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए अपनी सेवा को बंद रखने का निर्णय लिया है।

गाैरतलब है कि 200 वर्ष पहले अंग्रेजों ने 500 दलित सैनिकों की मदद से पेशवा सेना के 28 हजार योद्धाओं को हरा दिया था। इसी उपलक्ष्य में यहां शौर्य दिवस मनाया जाता है।


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