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'एमवीए का बढ़ा जुर्माना आत्महत्या को बढ़ावा दे सकता है'

महाराष्ट्र के एक किसान संगठन के प्रमुख ने बुधवार को यहां चेतावनी देते हुए कहा कि नए मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए) के तहत लगाया गया भारी जुर्माना गलत व जनविरोधी है

एमवीए का बढ़ा जुर्माना आत्महत्या को बढ़ावा दे सकता है
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नागपुर। महाराष्ट्र के एक किसान संगठन के प्रमुख ने बुधवार को यहां चेतावनी देते हुए कहा कि नए मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए) के तहत लगाया गया भारी जुर्माना गलत व जनविरोधी है और यह लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर करने वाला फैसला हो सकता है।

वसंतराव नाइक शेट्टी स्वावलंबन मिशन (वीएनएसएसएम) के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा, "देशभर में विशेष रूप से मध्यवर्गीय लोगों द्वारा इस जुर्माने का विरोध किया गया है, मीडिया में सुनने और पढ़ने के बाद यह पता चलता है कि यह एक जन विरोधी कदम है।"

तिवारी ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से जुर्माने को घटाने का आग्रह किया। उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि अगर आम लोगों पर जुर्माने के लिए जोर दिया गया तो वे आत्महत्या भी कर सकते हैं।

तिवारी ने आईएएनएस को बताया, "इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि गुजरात में एवीए जुर्माने को कम कर दिया गया है, जोकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य है। इससे साबित होता है कि भाजपा शासित राज्य भी इस संशोधित जुर्माने के खिलाफ हैं।"

मुंबई के एक आरटीओ अधिकारी ने कहा, "आरटीओ के फील्ड कर्मचारियों में भी इसके लागू होने को लेकर आशंकाएं बनी हुई हैं। इन नए नियमों को लागू करने की कोशिश कर रहे आरटीओ कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट की गई है। लोग अपने वाहनों को छोड़कर दूर चले जाते हैं। जब एक महिला पर जुर्माना लगाया गया तो उसे दिल का दौरा पड़ गया। इस तरह की अन्य कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।"

जब तिवारी से इस बात का जिक्र किया गया कि हाल ही में गडकरी ने खुद खुलासा किया कि उन्हें मुंबई में राजीव गांधी बांद्रा वर्ली सी लिंक पर जुर्माना भुगतना पड़ा, तो तिवारी ने कहा, "आम जनता की तुलना किसी मंत्री के साथ नहीं की जा सकती है।"

उन्होंने कहा, "अगर किसी मंत्री पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगता है, तो यह उसके लिए कम मायने रखता है। लेकिन अगर यही जुर्माना एक साधारण टैक्सी या टेम्पो चालक पर लगता है, जो एक महीने में मुश्किल से इतना वेतन कमा सकता है, तो उसका परिवार भूखा रह जाएगा। इसके बाद आम आदमी आत्महत्या का सहारा लेगा।"

तिवारी ने एमवीए जुर्माने को पूरी तरह से बेतुका बताते हुए कहा कि इससे पहले से ही खराब हो रही अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग पहले ही संकट में है और इसकी वजह से आम लोग नए वाहन खरीदना बंद कर देंगे।


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