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पिछले साल की तुलना में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़े

पूरे विश्व में इस वर्ष पिछले साल की तुलना में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई

पिछले साल की तुलना में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़े
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पेरिस। पूरे विश्व में इस वर्ष पिछले साल की तुलना में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई।
रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-दिसंबर के बीच विश्व भर में 80 पत्रकारों की मौत हुई है।

आरएसएफ की रिपोर्ट में बताया गया कि पत्रकारों की हत्या, गिरफ्तारी, बंधक बनाना और गायब करने जैसी घटनाएं इस वर्ष बढ़ीं हैं। पत्रकारों ने 2018 में जितनी हिंसा और अपमानजनक व्यवहार का सामना किया है, इससे पहले कभी नहीं किया। इस साल कई पत्रकारों को अपने पेशे के सिलसिले में जान गंवानी पड़ी। वर्ष 2017 में 55 और 2018 में 63 पत्रकारों की हत्या हुई।

रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान को पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक जगह माना ला रहा है, जहां बीते एक दिसंबर तक 15 पत्रकारों की हत्या हुई। इसी प्रकार युद्धग्रस्त सीरिया में 11 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई और मेक्सिको में नौ पत्रकारों की हत्या कर दी गई।

रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष के अंत में दुनिया भर में गिरफ्तार पत्रकारों की संख्या 348 रही जो कि पिछले साल 326 से अधिक थी। 2017 में, दुनिया के आधे से ज्यादा पत्रकारों को सिर्फ पांच देशों चीन, ईरान, सऊदी अरब, मिस्र और तुर्की में कैदी बनाया गया। चीन वर्तमान में 60 लोगों को गिरफ्तार दुनिया का सबसे बड़ा पत्रकारों को गिरफ्तार करने वाला देश बन गया है, इन पत्रकारों में तीन चौथाई गैर-पेशेवर पत्रकार हैं।

रिपोर्ट ने यह भी खुलासा किया कि इराक, सीरिया और यमन में 60 पत्रकारों को बंधक बनाया गया है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है।


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