रेलवे विस्तार में निजी भागीदारों की होगी वृद्घि
भारतीय रेल को पटरी पर लाने के लिए 1 लाख 48 हजार 528 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है और रेल मंत्री पीयूष गोयल केंद्रीय सहयोग के तौर पर 55 हजार करोड़ की वित्तीय सहायता को अभूतपूर्व बता रहे हैं

नई दिल्ली। भारतीय रेल को पटरी पर लाने के लिए 1 लाख 48 हजार 528 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है और रेल मंत्री पीयूष गोयल केंद्रीय सहयोग के तौर पर 55 हजार करोड़ की वित्तीय सहायता को अभूतपूर्व बता रहे हैं।
चुनौतियां जटिल हैं, सुरक्षा पहला लक्ष्य है और बजट का बड़ा हिस्सा पटरी, गेज बदलने, विद्युतिकरण में जहां खर्च होगा वहीं प्राइवेट पार्टनरशिप, राजस्व वसूली और कार्यकुशलता से रेलवे धन जुटाएगा।
इस साल 700 नए रेल इंजन और 5160 नए एलएचबी कोच, 12 हजार माल ढुलाई डिब्बे तैयार किए जाएंगे। यात्री किराया वृद्घि नहीं होगी इसके स्थान पर पीयूष गोयल देशबन्धु से बातचीत में कहते हैं-'रेलवे अपनी कार्यकुशलता, आधुनिक तकनीक से वित्तीय सुदृढ़ता को हासिल करेगा। बातचीत में श्री गोयल बताते हैं कि इसी साल ट्रेन-18 आएगी और आधुनिक तकनीक, कार्यकुशलता, समय सारणी से बचे समय में रेल परिचालन, विश्वस्तरीय एटीसीएस सिग्नलिंग व्यवस्था, रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी, 600 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ ही इसमें स्टेशनों पर वाईफाई और स्केलेटर लगाने के काम होंगे।
श्री गोयल ने बताया कि 3600 किमी ट्रैक का नवीकरण होगा, 40 हजार करोड़ रुपये ऐलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। मुंबई में 150 किलोमीटर उपनगरीय रेल रूटों के विस्तार के लिए 11 हजार करोड़ रूपए खर्च होगा और इस विस्तार पर बल देते हुए श्री गोयल बताते हैं कि यदि महाराष्टï्र सरकार की तर्ज पर अन्य राज्य जमीन, एफएआर मुहैया करवाएं तो विकास हो सकता है। बंगलोर में ऐलिवेटेड कॉरीडोर के लिए 17 हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे। रेलवे ने 2017-18 में सौ रूपए कमाने के लिए 96 रूपए खर्च किए हैं और आगामी वर्ष में खर्च को 92 रूपए तक लाने की कोशिश होगी।
दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए दो साल में 4,267 मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग खत्म होंगी और 700 नए रेल इंजन तैयार किए जाएंगे। वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार 18,000 किलोमीटर रेललाइनों का दोहरीकरण करेगी। रेल बजट का बड़ा हिस्सा जहां सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा, वहीं देश भर के स्टेशनों के सौंदर्यीकरण पर भी ध्यान दिया जाएगा। विश्वस्तरी सिग्नल पर गोयल बताते हैं-'पूरी दुनिया में इस प्रणाली का 60 हजार किलोमीटर नेटवर्क है मैने हाल ही में सिग्नल उत्पादकों से कहा कि वे न्यूनतम दर की पेशकश करें। क्योंकि आकलन की दर व्यवस्था को बदलने की तैयारी कर रहा हूं और प्रतिस्पधा पर विशेष ध्यान दे रहा हूं।
रेलवे विभिन्न राज्यों में जमीन का कारोबारी उपयोग करेगी और यात्री व भाड़ा ढ़ुलाई के लिए यदि प्राइवेट प्लेयर आने में इच्छुक हैं तो रेलवे के अधिकारी इस पर विचार करेंगे। मैंने इस बाबत अधिकारियों को नीति के लिए निर्देश दिए हैं। बता दें कि रेलवे ने 2018-19 में पार्टनरशिप से 27 हजार करोड़ रूपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।


