कुपोषण मे लगातार वृद्धि, प्रशासन बेखबर
महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से कुपोषण दुर करने की योजना पर विभागीय लापरवाही तथा अनदेखी के कारण बेमेतरा जिले में लगातार कूपोषण की दरो में वृद्धि हो रही है
बेमेतरा। महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से कुपोषण दुर करने की योजना पर विभागीय लापरवाही तथा अनदेखी के कारण बेमेतरा जिले में लगातार कूपोषण की दरो में वृद्धि हो रही है।
आँगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कुपोषित,अतिकुपोषित बच्चों में चिन्हांकित कर शासन के योजनांतर्गत कूपोषित बच्चों को जिसमे 6 माह से 6 वर्ष तक 6रूपये प्रति बच्चा की दर से 12-15 ग्राम प्रोटीन तथा 500 ग्राम कैलोरी उपलब्ध कराया जाना है इसीलिए अधिकतम वजन के बच्चे 6 माह से 6 वर्ष तक 9 रूपये प्रति बच्चा प्रतिदिन 20 से 25 ग्राम प्रोटीन एवं 800 ग्राम कैलोरी इसके अलावा गर्भवती माता, धात्री माता, एवं किशोरी बालिका को 7 रूपये प्रति हितग्राही प्रतिदिन के हिसाब से 18-20 ग्राम प्रोटीन तथा 600 ग्राम कैलोरी उपलब्ध कराया जाना है मगर बेमेतरा जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों में जिस हिसाब से पूरक पोषण आहार के मामले में घपलेबाजी की जा रही है।
वह जांच का विषय बन गया है, दज्रनों समूहो के द्वारा निर्मित पूरक पोषण आहार में प्रोटीन एवं कौलोरी की मात्रा काफी कम पाये जाने के कारण पूरे छ.ग. राज्य में बेमेतरा जिला में कूपोषण की दर में लगातार वृद्धि हो रही है।
प्रशासन को गुमराह कर शासकीय योजनाओं के उचित क्रियान्वयन में घोरलापरवाही करने वाले कतिपय अधिकारी मनमानी करने पर उतारू है और अतिकूपोषण एवं कूपोषित बच्चों की संख्या करीब 17 हजार से बढ़ 20 हजार की संख्या पार कर चूकी है।
कूपोषण के आंकडे में हेराफेरी करके सरकार की छवि खराब करने में लगे बेमेतरा महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से पूरक पोषण आहार की निजि लेब पर जांच कराई जावे तो पेकेट एवं मिलावटी आहार केन्द्रो के माध्यम से बच्चों में परोसने का मामला उजागर हो सकता है।
बताये कि ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजनाओ मं 03 वर्ष से 06 वष तक बच्चों को सांझा चूल्हा के माध्यम से सुबह का नास्ता एवं दोपहर का भोजन पृथक पृथक निम्न मीनू के अनुसार पूरक पोषण आहार दिये जाने का प्रावधान है परन्तु जिले में यह योजना कही भी किन्यांवित नही हो पा रही है।
बताना होगा कि आंगनबाड़ी केन्द्रो में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था हेतु व्यय की जाने वाली राशि से 50 प्रतिशत की रािश भारत सरकार महिला बाल विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जानी है। यह बता दे कि भारत सरकार महिला बाल विकास विभाग द्वारा गेहूं आधारित पूरकपोषण आहार अंतर्गत बी.पी.एल दर पर गेहूं, चांवल का आबंटन उपलब्ध कराया जाना है।
भारत सरकार से प्राप्त उक्त खादयान का पूर्ण आबंटन एम.जी.एग्रो एवं नागरिक आपूर्ति निगम को आंगनबाड़ी केन्द्रो में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था हेतु किया जाना है। वर्ष 2015 में बेमेतरा में कूपोषण की दर 29 प्रतिशत तक थी। जिसे नवाजतन योजना से बेहतर सूपोषण की योजना पर काम करके सूपोषण लाने की योजना विभागीय अर्कमण्यता के कारण लजित बच्चो में कूपोषण दुर करने में महिला बाल विकास विभाग निकम्मा साबित हो रहा है।


