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आयकर विभाग ने धारा 80 पी के तहत गलती से भेजे गए नोटिस पर सफाई दी

कई आयकर दाताओं को धारा 80 पी के तहत गलत तरीके से कर कटौती का दावा करने के कारण नोटिस मिलने के कुछ दिनों बाद आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि उन्हें गलती से नोटिस भेजा गया था

आयकर विभाग ने धारा 80 पी के तहत गलती से भेजे गए नोटिस पर सफाई दी
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नई दिल्ली। कई आयकर दाताओं को धारा 80 पी के तहत गलत तरीके से कर कटौती का दावा करने के कारण नोटिस मिलने के कुछ दिनों बाद आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि उन्हें गलती से नोटिस भेजा गया था।

करदाता, चार्टर्ड अकाउंटेंट नीरव चोकसी द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कर विभाग ने कहा कि "इस संबंध में एक ईमेल संचार शीघ्र ही आपको भेजा जाएगा"।

चोकसी ने 1 सितंबर को ट्वीट किया, "साझेदारी फर्म में दोषपूर्ण रिटर्न त्रुटियां आ रही हैं। उल्लिखित धारा 80पी फर्मों पर लागू नहीं है। ऐसे सिस्टम जनित सवालों का जवाब देने की निरर्थक प्रक्रिया की जानी है।"

जवाब में आयकर विभाग ने कहा : "आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 143(1) के तहत सूचना, त्रुटि विवरण के साथ 'अनुसूची 80पी में धारा 80पी(2)(ई) के तहत कटौती का दावा आय पर नहीं किया जा सकता। किराये की आय के अलावा 'अनजाने में भेजा गया है। इस संबंध में एक ईमेल संचार शीघ्र ही आपको भेजा जाएगा। हुई असुविधा के लिए खेद है।"

पिछले हफ्ते सैकड़ों करदाताओं ने इन नोटिसों को प्राप्त करने के बाद अपने कर सलाहकारों से संपर्क किया था, जो उन्हें तब भी भेजे गए थे, जब उन्होंने अपने रिटर्न को ई-सत्यापित किया था और इसकी समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो गई थी।

ये नोटिस उन कटौतियों का दावा करने से संबंधित हैं, जिनके लिए वे पात्र भी नहीं हैं। यहां समस्या यह थी कि ये कटौतियां व्यक्तियों के लिए नहीं, बल्कि सहकारी समितियों के लिए थीं।


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