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भोपाल गैस त्रासदी जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो : टंडन

मध्य प्रदेश में अब से 35 साल पहले हुई गैस त्रासदी की बरसी पर हादसे का शिकार बने लोगों को श्रद्घांजलि दी गई, साथ ही यह कामना की गई कि इस तरह की त्रासदी फिर कभी न हो

भोपाल गैस त्रासदी जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो : टंडन
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भोपाल। मध्य प्रदेश में अब से 35 साल पहले हुई गैस त्रासदी की बरसी पर हादसे का शिकार बने लोगों को श्रद्घांजलि दी गई, साथ ही यह कामना की गई कि इस तरह की त्रासदी फिर कभी न हो। तमाम गैस पीड़ित संगठनों ने अपने-अपने तरह से श्रद्घांजलि दी और रोष जाहिर किया। राजधानी के बरकतउल्ला भवन में आयोजित श्रद्घांजलि सभा में राज्यपाल लालजी टंडन भी शामिल हुए। राज्यपाल ने दिवंगत आत्माओं को श्रद्घांजलि देते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इस बात का संकल्प लें।

राज्यपाल लाल जी टंडन ने कहा कि शांति सभी सुखों का आधार है। शांति से ही समृद्घि आती है। भाईचारा बढ़ता है। उन्होंने कहा सभी धर्मो द्वारा इस सत्य की प्रार्थना की गई है। उन्होंने कहा कि कई घटनाएं प्राकृतिक प्रकोप का और कई घटनाएं मानवीय भूलों का परिणाम होती हैं।

उन्होंने कहा कि सभ्य समाज के सदस्य के रूप में हम सबकी यह जिम्मेदारी है कि हम किसी भी गलती अथवा चूक को दोबारा नहीं करें। सदैव समाज में शांति के लिए कार्य करें। इस अवसर पर सभी धर्मो के धर्मगुरुओं ने प्रार्थना कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्घांजलि दी।

इसके अलावा गैस पीड़ितों के तमाम संगठनों ने रैलियां निकाली, श्रद्घाजलि सभाएं भी की। सभी ने सरकारों के रवैए पर गुस्सा जाहिर किया।

ज्ञात हो कि दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड से जहरीली गैस मिक का रिसाव हुआ था, जिसमें हजारों लोग मौत की नींद सो गए थे। इतना ही नहीं इस गैस के असर ने लाखों लोगों को अपनी जद में ले लिया था और बीमारियां उनके शरीर में घर कर गई थी। बीमारियों के कारण मौतों का सिलसिला जारी है, गैस पीड़ितों की दूसरी और तीसरी पीढ़ी भी रोग ग्रस्त जन्म ले रही हैं। वहीं बड़ी संख्या में वे लोग हैं जो अब भी मुआवजा पाने से वंचित हैं। कई बस्तियों के लोगों को तो पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है।


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