सीईओ के कक्ष में जड़ा ताला, गुरूद्वान को बनाया प्रभारी
जिला सहकारी बैंक में सीईओ और संचालक मण्डल के बीच एक बार फिर घमासान मच गया

बिलासपुर। जिला सहकारी बैंक में सीईओ और संचालक मण्डल के बीच एक बार फिर घमासान मच गया है। संचालक मण्डल ने पुन: एक बार फिर अपने 6 फरवरी के पुराने आदेश को यथावत रखते हुए विकास गुरूद्वान को प्रभारी सीईओ बना दिया है। अध्यक्ष मुन्नलाल राजवाड़े ने आज सुबह इस आदेश को जारी करने के साथ ही सीईओ अभिषेक तिवारी के चेंबर में ताला लगा दिया। इस तरह प्रभारी सीईओ को बैंक में नया चेंबर दिया गया है।
आज सुबह जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुन्नालाल राजवाड़े अपने सदस्यों के साथ बैंक पहुंचे। यहां एक आदेश जारी कर सीईओ अभिषेक तिवारी के चेंबर के पास पहुंचे और चपरासी से ताला खोलने को कहा, लेकिन चपरासी ने ताला खोलने के लिए साफ इंकार कर दिया। गुस्से में अध्यक्ष ने अपने कर्मचारी से ताला मंगवाया तथा सीईओ अभिषेक तिवारी के चेंबर में एक और ताला जड़ दिया। वहीं तालाबंदी के घटना के बाद अध्यक्ष ने विकास गुरूद्वान को प्रभारी सीईओ का आदेश जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में अध्यक्ष और सीईओ के बीच पिछले कई महीनों से विवाद जारी है। ज्ञात हो कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष मुन्नाराम राजवाड़े ने 2 जनवरी को संचालक मंडल की बैठक ली। जिसमें प्रभारी सीईओ के रुप में विकास गुरुद्वान के नाम पर चर्चा की गई जिसे सभी सदस्यों की सहमति से ओके कर दिया गया। इस आदेश का पालन 6 जनवरी को करते हुये प्रभारी सीईओ के रुप में श्री गुरुद्वान को नियुक्त कर दिया। इस नियुक्ति आदेश के बाद बैंक में हड़कंप मच गया। वर्तमान सीईओ अभिषेक तिवारी के समर्थन में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कर्मचारी संघ सामने आ गया। इस नियुक्ति का विरोध करते हुये अध्यक्ष के चेंबर में नारेबाजी, धरना प्रदर्शन किया गया। जिसके बाद अध्यक्ष मुन्नाराम राजवाड़े ने उक्त आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद बैंक में सुचारु रुप से कामकाज चल ही रहा था कि आज अचानक नाटकीय ढंग से अध्यक्ष द्वारा आदेश जारी करते हुये 8 जनवरी के स्वंय के आदेश को खारिज करते हुये प्रभारी सीईओ के रुप में विकास गुरुद्वान को नियुक्त कर दिया गया। इसकी जानकारी मिलते ही कर्मचारियों के बीच गहमागहमी की स्थिति फिर से बन गई। वहीं एकतरफा प्रभार लेने के बाद अध्यक्ष द्वारा चेंबर को खोलने का आदेश जारी किया गया। लेकिन सीईओ कक्ष का ताला खोलने से इंकार करने पर अध्यक्ष के आदेश पर एक और ताला कक्ष के दरवाजे में जड़ दिया गया। इस घटना के बाद बैंक में स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई है।


