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प्रयागराज में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत आरआरआर सेण्टर की शुरूआत

पर्यावरण प्रदूषण से सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए योगी सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है

प्रयागराज में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत आरआरआर सेण्टर की शुरूआत
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प्रयागराज। पर्यावरण प्रदूषण से सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए योगी सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है। कुम्भ नगरी प्रयागराज में इसी उद्देश्य से 'मेरी लाइफ, मेरा स्वच्छ शहर' अभियान के तहत आर आर आर सेण्टर की शुरूआत की गई है। शहरी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने और उनकी दैनिक आदतों में बदलाव लाने के लिए यह प्रयास प्रोत्साहित करेगा। प्रयागराज में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 'नेकी की दीवार' का लोकार्पण किया गया। नगर निगम के नगर आयुक्त चंद्रमोहन गर्ग के मुताबिक ने इसका लोकार्पण करते हुए बताया कि यह एक कलेक्शन सेंटर है जिसका प्राथमिक उद्देश्य शहरी जीवन में 3 आर के मंत्र यानी रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। कचरे को कम करने, उसका पुन: उपयोग और रीसाइक्लिंग इसका मूल उद्देश्य है। इसके अंतर्गत स्थापित इस आरआरआर केंद्र में नागरिकों के लिए अपनी पुरानी और अप्रयुक्त वस्तुओं को जमा करने के लिए एक सुविधाजनक और सुलभ स्थान प्रदान किया गया है। जहां लोग अपने घरों, कार्यालय या प्रतिष्ठान में मौजूद अनुपयोगी वस्तुओं को दान दे सकते हैं और जिन्हें जरूरतमंद लोगों को इस्तेमाल के लिए दे दिया जाता है। शहर में फिलहाल ऐसे 10 कलेक्शन सेण्टर खोले जाने हैं, जिनकी संख्या आगे बढ़ाई जायेगी।

प्रयागराज शहर के व्यस्ततम इलाके सिविल लाइन्स में आज शहर का पहला आरआरआर सेण्टर खोला गया। नगर आयुक्त के मुताबिक इसे भी सिविल लाइन्स के प्राचीन हनुमान मंदिर के ठीक बाहर 'नेकी की दीवार' के नाम से इसलिए खोला गया है ताकि लोगों को इससे एक नेक काम करने की प्रेरणा लें। इसके अलावा संगम क्षेत्र में 4 मोबाइल आरआरआर सेण्टर खोले जा रहे हैं। प्रयागराज शहर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है इसलिए मंदिरों और पार्कों के बाहर भी ऐसे कई सेंटर खोले जाएंगे।

इन केन्द्रों में अभी पहनने वाले कपड़ों को ही जगह दी गई है लेकिन आगे यहाँ अनुपयोगी अन्य सामग्री जैसे पुस्तकों, किताबों और खिलौनों के अलावा शूज और स्लीपर को भी जगह दी जायेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मिशन प्रबंधक संजीव कुमार सिन्हा बताते हैं कि सेंटर्स की स्थापना और संचालन में नगर निगम, सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय नागरिकों का भी सहयोग लिया जा रहा है। इस अभियान से उन्हें भी जोड़ा जा रहा है क्योंकि इस अभियान की सफलता जन सहभागिता पर निर्भर कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जो सामग्री जरुरत मंद लोग नहीं ले जायेंगे उनकी रीसाइक्लिंग का जायेगी जिससे उसका पुनर्नवीनीकरण किया जा सके।


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