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योगी राज में दबंगों के हौसले बढ़े और कमजोर वर्गों पर हमले बढ़े : माले

माले की राज्य इकाई ने ऐपवा-माले नेता कामरेड जीरा भारती पर हाल में हुए हमले में मिर्जापुर के जिला प्रशासन की भाजपा के दबाव में दलित-विरोधी और दबंगों के हित में काम करने वाले रुख की कड़ी निंदा की है

योगी राज में दबंगों के हौसले बढ़े और कमजोर वर्गों पर हमले बढ़े : माले
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भाकपा (माले) ने हमले की शिकार दलित महिला को ही अभियुक्त बना देने की कड़ी निंदा की

लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई ने ऐपवा-माले नेता कामरेड जीरा भारती पर हाल में हुए हमले में मिर्जापुर के जिला प्रशासन की भाजपा के दबाव में दलित-विरोधी और दबंगों के हित में काम करने वाले रुख की कड़ी निंदा की है।

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने गुरुवार को यहां जारी बयान में कहा कि दलित पृष्ठभूमि से आने वाली महिला नेता कामरेड भारती पर गत तीन जुलाई को हमला करने वाले नामजद अभियुक्तों को जेल भेजने के बजाय पुलिस ने परेशान करने के उद्येश्य से पीड़िता व उनके परिवार के खिलाफ ही फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसमें पीड़िता के नाबालिग पुत्र को भी अभियुक्त बना दिया गया है। इस तरह से, दलित महिला के साथ दोहरा अन्याय हो रहा है।

दूसरी तरफ, भाजपा-समर्थित दबंग हमलावर आजाद हैं।

राज्य सचिव ने मांग की कि कामरेड भारती समेत उनके परिवार पर लादा गया फर्जी मुकदमा और उसकी आड़ में उनके परिवार को परेशान करना तुरंत बंद किया जाए।

कहा कि मिर्जापुर के मड़िहान थाने की पुलिस द्वारा यह अन्यायपूर्ण कार्रवाई स्थानीय भाजपा विधायक रमा शंकर पटेल के दबाव में की गई है।

पीड़िता जब अपने ऊपर हुए हमले की रिपोर्ट दर्ज कराने अगले दिन उक्त थाने गईं थीं, तब विधायक भी अपने समर्थकों के साथ हमलावरों के पक्ष में दबाव बनाने के लिए थाने पहुंचे थे। विधायक दबंग हमलावरों के सजातीय भी हैं।

माले राज्य सचिव ने कहा कि योगी राज में दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा ही सलूक किया जा रहा है।

सहारनपुर के शब्बीरपुर मामले में भी ऐसा ही किया गया। वहां भी दबंग हमलावरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई और पीड़ित दलितों समेत उनके पक्ष में आवाज उठाने वालों को ही जेल में ठूंस दिया गया।

यही नहीं, कानून तोड़ने वाले और हमले करने वाले भाजपाइयों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है, जैसा कि सहारनपुर के ही सड़क दूधली प्रकरण में हुआ। इसके चलते सामंती, सांप्रदायिक व दबंग ताकतों का मनोबल बढ़ गया है और वे बेखौफ होकर दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहे हैं।

माले नेता ने चेतावनी दी कि यदि मिर्जापुर मामले में न्याय नहीं हुआ, तो आंदोलन किया जायेगा।

CPI-ML condemns Mirzapur Admin's action to falsely implicate victim Dalit Women Leader, alleges police dancing at the tune of BJP


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