उत्तराखंड पंचायत चुनाव में रावत व योगी के गृह जनपद में भाजपा पर भारी पड़ी कांग्रेस
उत्तराखंड में हुए पंचायत चुनाव में सबसे चौंकाने वाला नतीजा पौड़ी जिले का रहा है। यहां जिला पंचायत सीटों के चुनाव में भाजपा पर कांग्रेस भारी पड़ी

देहरादून। उत्तराखंड में हुए पंचायत चुनाव में सबसे चौंकाने वाला नतीजा पौड़ी जिले का रहा है। यहां जिला पंचायत सीटों के चुनाव में भाजपा पर कांग्रेस भारी पड़ी। यह वह जिला है, जहां से राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाता है। भाजपा के दोनों मुख्यमंत्रियों के इस गृह जनपद की कुल 38 जिला पंचायत सीटों के चुनाव में 13 पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीते जबकि 11 पर ही भाजपा जीती। खास बात रही कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की डोईवाला विधानसभा सीट पर भी भाजपा का खराब प्रदर्शन रहा।
राज्य में पांच, 11 और 16 अक्टूबर को तीन चरणों में त्रिस्तरीय यानी ग्राम पंचायत सदस्य व प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव हुए थे, जिसके नतीजे सोमवार से मंगलवार देर शाम तक चली मतगणना में घोषित हुए।
राज्य के कुल 13 जिलों में हरिद्वार को छोड़कर अन्य 12 जिलों में जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव हुए। हरिद्वार में देरी से बोर्ड गठित होने के कारण यहां का चुनाव लेट होता है। नतीजों के मुताबिक कुल 12 में से पांच जिलों में भाजपा नंबर वन रही, जबकि सात जिलों में निर्दलीयों का बहुमत रहा। कांग्रेस की बात करें तो वह सिर्फ पौड़ी और उत्तरकाशी जिले में ठीक प्रदर्शन कर पाई।
इन दोनों जिलों में भाजपा से ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिलीं। पौड़ी में भाजपा के 11 के मुकाबले कांग्रेस को 13 तो उत्तरकाशी में कांग्रेस को चार जिला पंचायत सदस्य की सीटें मिलीं, जबकि भाजपा के खाते में सिर्फ तीन सीटें आईं। हालांकि भाजपा का दावा है कि वह दीवाली के बाद होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सभी 12 जिलों के बोर्ड पर कब्जा जमाएगी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को ही निर्दलीय सदस्य बने लोग सपोर्ट करेंगे।
पंचायत चुनाव यूं तो बगैर पार्टी सिंबल के होते हैं, मगर जीतने वाले प्रत्याशियों को भाजपा और कांग्रेस अपना बताने में जुटीं हैं। दोनों दल दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी के समर्थन वाले ज्यादा उम्मीदवार ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य हुए हैं।
ग्राम प्रधानों की कुल 7485 सीटों में 1,514 प्रत्याशी निर्विरोध जीते, वहीं 5,847 सीटों पर लड़ाई देखने को मिली। इसी तरह जिला पंचायत सदस्यों के 356 और क्षेत्र पंचायत सदस्यों (बीडीसी) के 2984 पदों पर चुनाव हुए। अब दीवाली के बाद ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव होना है। क्षेत्र पंचायत सदस्य ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में वोट डालते हैं।


