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शाम होते ही बंद जाती है पुलिस चौकी में लिखा-पढ़ी

जिले के सीमांत गांवों में बिजली की व्यवस्था सुधरने की बजाय और बदहाल होती जा रही है

शाम होते ही बंद जाती है पुलिस चौकी में लिखा-पढ़ी
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कोरबा। जिले के सीमांत गांवों में बिजली की व्यवस्था सुधरने की बजाय और बदहाल होती जा रही है।

कोरबी, चोटिया और इसके आसपास के दर्जनों गांव सप्ताह भर से अंधेरे में डूबे हैं तो वहीं ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण व कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने से पिछले 5 दिनों से कोरबी पीएचसी व पुलिस चौकी अंधेरे में है। दिन का उजाला खत्म होते ही चौकी में दस्तावेजी कामकाज थम जाता है। ग्रामीण भी बिजली के अभाव में बेहाल हैं।

जानकारी के अनुसार कोरबी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के पीछे लगा ट्रांसफार्मर 15 जुलाई को जल गया है। ट्रांसफार्मर जलने के कारण इस पर बिजली के निर्भर पीएचसी सहित पुलिस चौकी व आसपास के गांवों में अंधेरा छा गया है। पांच दिनों से लगातार यह स्थिति बनी हुई है और ट्रांसफार्मर अभी तक बदला नहीं जा सका है।

इधर बिजली के अभाव में मोमबत्ती ही एकमात्र सहारा रह गया है क्योंकि चिमनी जलाने के लिए मिट्टी तेल की किल्लत बनी हुई है। कुछ ग्रामीणों द्वारा तो डीजल के सहारे चिमनी जलायी जा रही है। पीएचसी में शाम के बाद किसी भी तरह की उपचार सुविधा मुहैया कराना दिक्कतों भरा होने से ग्रामीणों से लाभ नहीं मिल पा रहा।

दिन में भी कामकाज में बाधा हो रही है। पीएचसी में कहने को तो आपातकाल परिस्थितियों के लिए इन्वर्टर की सुविधा है लेकिन बिजली नहीं होने से इन्वर्टर की बैटरी चार्ज नहीं हो पा रही है। अस्पताल में लगाया गया सौर ऊर्जा सिस्टम भी खराब पड़ा है। पुलिस चौकी में कर्मचारी और विवेचक दिन का उजाला रहते लिखा-पढ़ी का काम निपटा लेते हैं।

काफी आवश्यक होने पर मोमबत्ती का सहारा लेना पड़ता है लेकिन यह भी कारगर नहीं हो रहा। वायरलेस सिस्टम की बैटरी सौर ऊर्जा से चार्ज कर काम चलाया जा रहा है। इस विषय में चौकी प्रभारी डी आर मनहर एवं ग्रामीणों के द्वारा विद्युत वितरण विभाग के जेई बांगो एन पी सोनी को लिखित आवेदन देकर सुधार करने आग्रह किया गया किन्तु उन्होंने ट्रांसफार्मर आने पर लगाने का दो-टूक जवाब दिया।

सौर ऊर्जा पैनल का खंभा ही बचा है

कोरबा पुलिस चौकी में 24 घंटे बिजली के लिए विद्युत विभाग की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त एसईसीएल के रानी अटारी खदान प्रबंधन द्वारा दो साल पहले सौर ऊर्जा पैनल लगवाया गया था।

अब यहां पैनल के नाम पर सिर्फ खंभा बचा हुआ है। पैनल और सिस्टम गायब हो चुके हैं। इस तरह पिछले दो वर्षों से खराब सौर ऊर्जा सिस्टम को सुधारने अथवा बदलने की दिशा में भी ध्यान नहीं दिया गया।

खंभा क्षतिग्रस्त, 24 घंटे से दर्री क्षेत्र में बिजली बंद

सीआईएसएफ कॉलोनी, दर्री में 11 केवी लाईन के दो खंभे पेड़ गिरने की वजह से टूट गए हैं। मंगलवार की शाम 5 बजे इस घटना के बाद से बिजली की सप्लाई बंद है।

लोगों ने पूरी रात अंधेरे मे गुजारी, बिजली बंद होने के 24 घण्टे बाद भी सुधार कार्य शुरू नहीं कराया जा सका है। बिजली विभाग के नियमों के अनुसार खंभा क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में यह कार्य ठेकेदारों से ही कराया जाता है और इस व्यवस्था की वजह से पूरी रात सुधार कार्य शुरू ही नहीं हो सका।


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