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सरकारी अभिलेखों में “डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर” लिखने का आदेश दिया

उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में डा़ अम्बेडकर की फोटो टांगने के निर्देश के बाद अब उनका पूरा नाम “डा़ भीमराव रामजी अम्बेडकर” लिखने का आदेश दिया है

सरकारी अभिलेखों में “डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर” लिखने का आदेश दिया
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में डा़ अम्बेडकर की फोटो टांगने के निर्देश के बाद अब उनका पूरा नाम “डा़ भीमराव रामजी अम्बेडकर” लिखने का आदेश दिया है।

सरकारी सूत्रों ने आज यहां बताया कि अभिलेखों में अब डा़ अम्बेडकर का पूरा नाम डा़ भीमराव रामजी अम्बेडकर लिखा जायेगा।
उन्होंने बताया कि इस आशय के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। डा़ अम्बेडकर के पिताजी का नाम रामजी अम्बेडकर था और वह अपने नाम के साथ पिताजी का नाम भी लिखते थे।

उन्होंने बताया कि डा़ अम्बेडकर स्वयं अपना नाम डा़ भीमराव रामजी अम्बेडकर लिखते थे। इसलिये सरकार ने तय किया है कि जो व्यक्ति जिस तरह अपना नाम लिखता है, उसका नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिये।

गौरतलब है कि इससे पहले योगी सरकार ने सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी विभागों के सभी कार्यालयों में डा़ अम्बेेडकर की फोटो लगाने के निर्देश दिये थे।

उधर, सरकार के इस आदेश को लेकर विपक्ष ने हमला बोलते हुए कहा है कि यह दलितों को लुभाने की एक कोशिश मात्र है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने दलितों के लिये कुछ भी नहीं किया है, लेकिन दलितों के आदर्श डा़ भीमराव अम्बेडकर के नाम पर उनका वोट हासिल करना चाहती है।

श्री उत्तम ने कहा कि दलित इस बहकावे में आने वाले नहीं हैं। दलितों को भाजपा के बारे में सब पता है।


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