जीडीए बोर्ड बैठक में विकास के कई प्रस्तावों पर लगी मुहर
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में मंगलवार को विकास के कई प्रस्तावों पर मुहर लगी

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में मंगलवार को विकास के कई प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसके अलावा बोर्ड ने जनहित के भी कई फैसले लिए। इसके अलावा जीडीए सभागार में ही अवस्थापना निधि की भी बैठक संपन्न हुई। दोनों बैठकें मंडलायुक्त और जीडीए अध्यक्ष डा. प्रभात कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुईं। बैठक में जीडीए वीसी और जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी, जीडीए सचिव रवींद्र गोडबोले, नगरायुक्त चंद्रप्रकाश सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
अवस्थापना निधि से 20 करोड़ रुपए की लागत से हिंडन के पुराने पुल की रिपेयर कराने के प्रस्ताव पर मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार ने मुहर लगा दी। बता दें कि जीटी रोड के हिंडन पुल में करीब सात माह पूर्व दरार आ गई थी, उसके बाद से पुल बंद पड़ा हुआ है। जीडीए की बोर्ड बैठक में कुल 36 प्रस्ताव रखे गए थे। आधा दर्जन प्रस्तावों पर जीडीए बोर्ड ने विस्तृत रिपोर्ट मांगते हुए अगली बोर्ड बैठक में रखे जाने के निर्देश दिए हैं। मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी की मांग पर मुरादनगर में बाह्य विकास शुल्क कम करने के प्रस्ताव को बोर्ड ने शासन को भेजने का निर्णय लिया है।
मंडलायुक्त और जीडीए अध्यक्ष डा. प्रभात कुमार ने बैठक के बाद प्रेसवार्ता में कहा कि जीडीए चाहता है कि जनहित में मुरादनगर में बाह्य शुल्क कम होना चाहिए लेकिन इस मुद्दे पर शासन ही कोई निर्णय ले सकता है। जीडीए अध्यक्ष ने बताया कि डासना में दो स्लॉटर हाऊसों के लिए नक्शे के प्रस्ताव पर बोर्ड ने अपनी मुहर लगा दी।
कौशांबी में साइबर हब के लिए लेआउट में परिवर्तन के प्रस्ताव पर बोर्ड ने योजना के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। जीडीए वीसी रितु माहेश्वरी ने बताया कि कौशांबी में स्कूल के लिए आरक्षित दो भूखंडों का लेआउट बदलने का प्रस्ताव था। इसके अलावा पीपीपी मॉडल पर मधुबन बापूधाम आवासीय योजना में स्पोर्ट्स एकेडमी, नॉदर्न पेरीफेरल रोड और इंदिरापुरम सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लॉट बनाने के प्रस्ताव पर बोर्ड ने डीपीआर बनाने और पूरी योजना के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए हैं।
डबल आबंटन के मामले में सॉफ्ट हुआ जीडीए बोर्ड
डबल आबंटन के मामले में फंस रहे कई आबंटियों को बोर्ड बैठक राहत की खबर लेकर आई। जीडीए बोर्ड ने तय किया है कि डबल आबंटन की तलवार की मार उन लोगों पर नहीं पड़ेगी जिनके आबंटन 1993 से पहले के हैं। बता दें कि डबल आबंटन को लेकर आवास विभाग ने 1993 में ही नियम बनाया था।
इसके अलावा ऐसे आबंटियों को भी राहत दी जाएगी जिन्होंने आय बढ़ने के बाद बड़े साइज का भवन आबंटित कराया है। इतना ही नहीं ऐसे आबंटी भी इस जद में नहीं आएंगे जिन्होंने एक भवन रीसेल में या फिर नीलामी के जरिए जीडीए से खरीदा है। बता दें कि जीडीए का प्रोपर्टी ऑडिट चल रहा है और ऐसे लोगों को जीडीए की ओर से नोटिस भेजे गए हैं जिनके नाम पर एक से ज्यादा भवन है जीडीए के हैं।


