सात वर्षीया जैनब के साथ दुष्कर्म मामले में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने लिय़ संज्ञान
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश(सीजेपी) मियां साकिब निसार ने सात वर्षीया जैनब की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में संज्ञान लिया है

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश(सीजेपी) मियां साकिब निसार ने सात वर्षीया जैनब की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में संज्ञान लिया है।
दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार जैनब को छह दिन पूर्व रोड कोट से उस समय अगवा किया गया जब उसके माता पिता उमराह के लिए सऊदी अरब रवाना हुए थे। दुष्कर्म के बाद बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी गयी थी। पुलिस अधिकारियों ने कल सुबह जकी अदा के नजदीक कचरे के ढेर से उसका शव बरामद किया।
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार ने पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बुधवार को जैनब मामले से नाराज लोगों के एक थाने और सरकारी इमारत पर हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस कार्रवाई में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए।
कसूर शहर में कल पीड़िता के अंतिम संस्कार से पहले हिंसा भड़क उठी। प्रांतीय प्रशासन ने कल शाम बताया कि प्रदर्शनकारियों पर कथित तौर पर गोलीबारी करने वाले चार पुलिसकर्मियों और दो नागरिक रक्षा कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार उस व्यक्ति की पहचान की कोशिश की जा रही है, जो फुटेज में बच्ची को साथ लेकर जाता दिख रहा है।
परामर्श में कहा गया है कि भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार भारत में सबसे तेज़ बढ़ते हुए अपराधों में से एक है। कुछ पर्यटक स्थलों पर हिंसक अपराध जैसे यौन हिंसा की घटनाएं भी हुई हैं। पूर्व मध्य भारत में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आतंकवादी एवं सशस्त्र समूह सक्रिय हैं। आतंकवादी पर्यटक स्थलों, परिवहन हब, बाज़ार /शॉपिंग मॉल्स और स्थानीय शासकीय केन्द्रों पर अचानक हमला कर सकते हैं।
परामर्श में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों और आंतरिक अशांति की घटनाओं की आशंका है इसलिए लद्दाख को छोड़कर इस राज्य में ना जाएं। श्रीनगर, गुलमर्ग एवं पहलगाम जैसे पर्यटक स्थलों और नियंत्रण रेखा पर छिटपुट हिंसा की घटनाएं हो सकती हैं। परामर्श में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी नहीं जाने की सलाह दी गयी है।
अमेरिकी सरकार के पास अपने नागरिकों को पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना से लेकर पश्चिम बंगाल तक ग्रामीण क्षेत्रों में आपात सहायता पहुंचाने की क्षमता बहुत सीमित है क्योंकि अमेरिकी सरकार के अधिकारियों को इन इलाकों में जाने के लिये विशेष अनुमति लेनी होती है।
परामर्श में कहा गया है कि महिलाएं भारत में अकेले कहीं नहीं जाएं। सुरक्षा योजना को बार बार चेक करें। फेसबुक और ट्विटर पर विदेश विभाग की ताजा सूचनाओं को देखें। यात्रा के पहले आपात स्थितियों की भी योजना बनाएं।


