एयरसेल-मैक्सिस मामला में ‘झूठे तथ्यों’ पर फंसाया गया: मारन
एयरसेल-मैक्सिस मामले में बरी होेने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने कहा कि इस मामले में उन्हें और उनके भाई कलानिधि मारन को ‘झूठे तथ्यों’ पर फंसाया गया था ।
चेन्नई। एयरसेल-मैक्सिस मामले में बरी होेने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने कहा कि इस मामले में उन्हें और उनके भाई कलानिधि मारन को ‘झूठे तथ्यों’ पर फंसाया गया था और उन्होंने मंत्री रहते हुये कभी भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल नहीं किया।
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि कथित भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारण पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। अदालत से बरी होने के बाद कल देर रात मारन ने एक बयान जारी कर कहा कि इस उन्हें, कलानिधि मारन और कलानिधि की पत्नी कावेरी कलानिधि के खिलाफ बिना किसी प्रथम दृष्टया सबूत के याचिका दायर किए गए थे।
उन्होंने कहा, “ इस मामले के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय भी मुझे और मेरे भाई और मेरे परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ बिना किसी बुनियादी सबूत के मामला दर्ज कर दिया गया।
” मारन ने कहा, “ इस मामले में सीबीआई की ओर से कोई भी सबूत दायर नहीं किया गया था, फिर भी मामला दर्ज होने के तुरंत बाद मैं अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय भी मैंने कहा था कि अदालत में अपने आप को बेकसूर साबित करूंगा। ”
उन्होंने कहा, “ पिछले छह वर्षों से मैं अदालत का सामना कर रहा हूं , लेकिन इन वर्षों में कई बार हमें उत्पीड़न और धमकियों का समना करना पड़ा। हमे पता था कि ईमानदारी की जीत होगी।”
मारन ने कहा, “ अब अदालत का फैसला आ गया है और यह सच्चाई की जीत है। ” दयानिधि मारन, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में वर्ष 2004 से 2007 तक संचार मंत्री थे जिस दौरान सी. शिवशंकरन एयरसेल के मालिक थे और उन्होंने आरोप लगाया था कि संचार मंत्री के रूप में मारन ने दबाव बनाने के लिए उनकी कंपनी को दी जाने वाली अहम मंजूरियों को तब तक रोककर रखा था, जब तक उन्होंने कंपनी को वर्ष 2006 में मैक्सिस को बेच नहीं दिया।


