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सफाई कर्मचारियों की फौज के बावजूद शहर में गंदगी का अंबार

नगर परिषद में लगभग पांच दर्जन सफाईकर्मियों की फौज के बावजूद भी शहर में गंदगी के अम्बार लगे हुए हैं

सफाई कर्मचारियों की फौज के बावजूद शहर में गंदगी का अंबार
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होडल। नगर परिषद में लगभग पांच दर्जन सफाईकर्मियों की फौज के बावजूद भी शहर में गंदगी के अम्बार लगे हुए हैं। जगह जगह लगे गंदगी के ढेर,बंद पडी नालियों का सड़कों पर बहता पानी और चरमराई सफाई व्यवस्था का रोना वार्ड पार्षदों द्वारा नगर परिषद की होने वाली प्रत्येक बैठक के दौरान उठाया भी जाता है लेकिन परिषद के अधिकारी और वार्डों के पार्षद इस समस्या को ठोस इंतजाम नहीं कर सके हैं।

पिछले कई वर्षों से नहीं हुई कोई सफाई कर्मी की नियुक्ति वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग 50 हजार थी और शहर में कुल 14 वार्ड थे, लेकिन सन 2014 में नगर पालिका को नगर परिषद का दर्जा दिए जाने और गांव गढी और बेढ़ा पटटी को शामिल किए जाने के बाद शहर की आबादी लगभग 70 हजार पहुंच चुकी है और वार्डों की संख्या 21 पहुंच चुकी है, लेकिन शहर की सफाई सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए पर्याप्त सफाईकर्मी तैनात नहीं हैं। बिडम्बना यह है कि वर्षों पहले भी शहर में सफाई के लिए लगभग पांच दर्जन सफाईकर्मी तैनात थे जिनमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत हो चुके हैं। इसके अलावा कई सफाईकर्मी अन्य सरकारी कार्यालयों में बाबू का कार्य निपटा रहे हैं। शहर की आबादी बढने के बावजूद सफाईकर्मियों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जिसके कारण शहर आज कूड़े के ढेर में तबदील हो चुका है।

बैठक में उठाया गया सफाई का मुद्दा
नगर परिषद द्वारा हाल ही में की गई बैठक के दौरान सभी पार्षदों ने शहर की चरमराई सफाई व्यवस्था के मुद्दे को जोरशोर से उठाया था जिसमें पार्षदों ने मौजूदा सफाईकर्मियों के सहारे सफाई व्यवस्था को सुचारू रखना असम्भव बताया और आउट सोर्सिंग के तहत सफाईकर्मियों की नियुक्ति कर शहर को चार जोनेां में बांटकर व्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है।

क्या कहते हैं लोग:
नगर परिषद में सफाईकर्मियो की लापरवाही के कारण पूरा शहर गंदगी के ढेर में तबदील होता जा रहा है। शहर की कोई गली या रास्ता ऐसा नहीं है जहां गंदगी के ढेर ना लगे हों। वार्ड पार्षदों से लेकिन अधिकारियों तक इस मामले में लगातार शिकायत की जा चुकी हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। विनय बंसल
शहर के साथ साथ परिषद में दो गावों को भी शामिल किया जा चुका है लेकिन पर्याप्त सफाईकर्मी ना होने के कारण सफाई व्यवस्था चरमराती जा रही है। इस मामले को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन समस्या ज्यों कि त्यों बनी हुई है। देशराज मंगला

नगर परिषद की बैठक में इस मामले पर वार्डों के पार्षदों के साथ विचार किया गया है। आउट सोर्सिंग के तहत सफाईकर्मियों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव रखा गया है। जिसके बाद शहर को चार जोनों में बांटकर सफाई व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।
राजगोपाल,चेयरमैन नगर परिषद


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