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पतवाड़ी गांव में किसान की आबादी तोड़े जाने पर किसानों ने किया ग्रेनो प्राधिकरण पर प्रदर्शन

प्रदर्शन के बाद किसानों के एसीईओ आनंद बर्धन का घेराव कर मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

पतवाड़ी गांव में किसान की आबादी तोड़े जाने पर किसानों ने किया ग्रेनो प्राधिकरण पर प्रदर्शन
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ग्रेटर नोएडा। गांव पतवाड़ी में गबरी मुखिया के खसरा संख्या 637 638 645 646 647 में समझौते का उल्लंघन कर 50 साल पुरानी आबादी को तोड़ने का प्रयास करने के विरुद्ध किसानों ने बुधवार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर एसीईओ आनंद वर्धन का घेराव कर ज्ञापन सौंपा।

किसानों ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण के दस्ते ने गबरी मुखिया की 50 साल पुरानी आबादी पर ग्राम पतवाडी में धावा बोल दिया किसान सभा के कार्यकर्ता एवं किसानों ने मौके पर प्रदर्शन करते हुए आबादी तोड़े जाने का जबरदस्त विरोध किया, विरोध को देखते हुए प्राधिकरण का दस्ता लौट गया-प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि 7 फरवरी के आंदोलन में प्राधिकरण के अधिकारियों ने 2192 आबादी प्रकरणों एवं शेष प्रकरण जिनमें सुनवाई की जानी है उनमें कोई तोड़फोड़ की कार्रवाई निस्तारण होने तक नहीं की जाएगी परंतु अपनी कही बात से मुकरते हुए वादाखिलाफी करते हुए प्राधिकरण के अधिकारियों ने बाकायदा आदेश देकर गबरी मुखिया की आबादी पर हमला किया है।

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किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों का वादाखिलाफी का लंबा इतिहास रहा है इनके ऊपर किसी किस्म का भरोसा करना अपने पैरों में कुल्हाड़ी मारने के बराबर है हमें हर कीमत पर अपने आबादियों की सुरक्षा करनी है एवं अपने बाकी मुद्दों 10 फीसदी आबादी प्लाट, साढे 17 फीसदी प्लाट का कोटा, प्लाटों पर पेनल्टी एवं अन्य 17 सूत्री मांगों पर संघर्ष जारी रखना है इसके अलावा हम किसानों के पास कोई चारा नहीं है।

पीड़ित किसान एवं किसान सभा के कार्यकर्ता गबरी मुखिया ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी ने केवल तानाशाह है बल्कि असंवेदनशील भी हैं हम लोगों ने अपनी सारी भूमि शहर के विकास के लिए दे दी परंतु आज नौबत यह आ गई है कि हमारे दादा द्वारा बनाए गए घरों को प्राधिकरण तोड़ने पर आमादा है हम अपनी जान देकर भी अपने आबादियों की सुरक्षा करेंगे।

प्रदर्शन के बाद बड़ी संख्या में किसानों ने एसीईओ आनंद वर्धन से वार्ता कर ज्ञापन सौंपा एवं उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि आपको अपनी बातों पर जमे रहना आना चाहिए आपने 7 फरवरी को इस बात पर सहमति जताई थी कि किसानों की आबादियों को उनके निस्तारण के बिना नहीं तोड़ा जाएगा इसके बावजूद आप लोगों ने जानबूझकर अपने ही वादे को तोड़ दिया और किसान की आबादी पर हमला कर दिया इस तरह की हरकत न केवल आपकी असंवेदनशीलता बल्कि किसानों के मुद्दों को लेकर कैजुअल एटीट्यूड को दर्शाता है।

इससे आपका अमानवीय चेहरा और किसान विरोधी चेहरा भी उजागर होता है यदि आगे प्राधिकरण ने किसानों की आबादियों पर हमला किया तो उग्र आंदोलन होगा और उसकी जिम्मेदारी सीधे-सीधे आपकी होगी। प्रदर्शन, वार्ता एवं ज्ञापन के दौरान गबरी मुखिया, किसान सभा के सचिव बिजेंद्र नागर, सचिव अजय पाल भाटी, प्रधान तेजपाल घोड़ी, जोगिंदर प्रधान सिरसा, धर्मवीर खटाना, रणपाल, रविंदर, राहुल, संदीप सादोपुर, महाराज सिंह प्रधान, राजीव नागर, गौरव यादव, बुध पाल यादव, राहुल गोसाई एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।


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