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पटना में मोबाइल चोरी के काम के लिए मिलती थी 'सैलरी', गैंग का भंडाफोड़

बिहार की राजधानी पटना में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है

पटना में मोबाइल चोरी के काम के लिए मिलती थी सैलरी, गैंग का भंडाफोड़
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पटना। बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो मोबाइल चोरी के लिए चोरों को सैलरी दिया करता था। रेल पुलिस ने एक ऐसे मोबाइल चोर गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है, जो प्रतिदिन एक हजार रुपए की सैलरी गिरोह के सदस्यों को देता था। इस गिरोह के पास से नौ अत्याधुनिक मोबाइल फोन के साथ नगद भी बरामद किए गए हैं।

पटना रेल एसपी अमृतेन्दु शेखर ठाकुर ने बुधवार को बताया कि रेल पुलिस ने आगामी पर्व-त्योहार को देखते हुए मोबाइल चोरी, लैपटॉप चोरी, चेन स्नेचिंग, अटैची लिफ्टर एवं अन्य अपराधों के विरुद्ध विशेष चेकिंग अभियान चला रखा है। इसी क्रम मंगलवार की शाम राजधानी के राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर रेल पुलिस जांच कर रही थी, तभी प्लेटफार्म संख्या एक के पूर्वी छोर पर दो व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में बैठे थे, जो पुलिस देखकर भागने लगे। पुलिस ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया।

पुलिस ने जब इनसे भागने का कारण पूछा तो दोनों पर पुलिस का संदेह गहरा गया। पूछताछ में इन्होंने अपना नाम शाहनवाज खान और सुल्तान बताया। इनके पास से पुलिस ने मोबाइल फोन बरामद किया। पूछताछ के क्रम में पुलिस को जानकारी मिली कि बरामद दोनों फोन चोरी का है।

इन दोनों ने ही बताया कि सात लोगों का गैंग है, जो मोबाइल चोरी और झपट्टा मारने का काम करता है। इन दोनों की ही निशानदेही पर पुलिस ने दो और व्यक्तियों मौसुम राज और श्रवण कुमार को पकड़ा, जिनके पास से भी पांच मोबाइल और अन्य सामान बरामद किए गए।

रेल एसपी ने बताया कि इस गैंग में शामिल दो लोगों को राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन के वेटिंग हॉल से गिरफ्तार किया गया। इन सभी ने पूछताछ में बताया कि इनके गैंग का मुखिया पटना का ही रौशन कुमार है। रौशन कुमार सभी को प्रतिदिन एक हजार रुपए सैलरी के रूप में देता था। इसके बदले सभी मोबाइल चोरी करते थे और उसे गैंग के मुखिया को देते थे। पुलिस सरगना रौशन कुमार को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है।


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