MPPSC चयन प्रक्रिया विवादों में, जीतू पटवारी ने राज्यपाल को पत्र लिख की ये मांग!
जीतू का आरोप है कि सामान्य वर्ग को 100 में से अधिकतम 89 और न्यूनतम 75 अंक दिए गए. जबकि पिछड़ा वर्ग को अधिकतम 55 और न्यूनतम 38 अंक दिए गए। अनुसूचित जाति वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिकतम पर 49 और न्यूनतम 34 अंक दिए गए और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को अधिकतम 63 और न्यूनतम 32 अंक दिए गए।

- गजेन्द्र इंगले
भोपाल: प्रदेश में चिकित्सकों की भर्ती मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा की गई जिसमें चिकित्सकों को साक्षात्कार में दिए गए नंबरों में भेदभाव दिया गया है। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने ई चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं और इसकी राज्यपाल से शिकायत भी की है। दरअसल मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा स्त्री रोग विशेषज्ञों के लिए 27 जुलाई 2022 को विज्ञापन जारी किया गया था और उसके बाद साक्षात्कार हुए और उनका परिणाम 6 दिसंबर 2022 को घोषित हुआ।
साक्षात्कार के 100 अंकों के आधार पर चयन सूची बनी। जीतू का आरोप है कि सामान्य वर्ग को 100 में से अधिकतम 89 और न्यूनतम 75 अंक दिए गए. जबकि पिछड़ा वर्ग को अधिकतम 55 और न्यूनतम 38 अंक दिए गए। अनुसूचित जाति वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिकतम पर 49 और न्यूनतम 34 अंक दिए गए और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को अधिकतम 63 और न्यूनतम 32 अंक दिए गए। ईडब्ल्यूएस के एकमात्र अभ्यर्थी को भी 44 अंक मिले।
जीतू पटवारी का आरोप है कि लोक सेवा आयोग ने योग्यता को दरकिनार करते हुए पूर्वाग्रह के आधार पर अंक दिए जिससे भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। पटवारी ने इस परीक्षा की जांच एक स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी से कराने की मांग की है। एमपीपीएससी के हर परीक्षा विवादों में रहती है। जीतू पटवारी इस मामले में अब छात्रों की आवाज बनकर उभरे हैं। उनके राज्यपाल को पत्र लिखने से इस गड़बड़ झाला के प्रभावित छात्रों में उम्मीद जागी है।


