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'मोक्षस्थली' गया में जर्मनी से आई महिलाओं ने पूर्वजों की मोक्ष प्राप्ति के लिए किया पिंडदान, तर्पण

मोक्ष स्थली के रूप में देश-दुनिया में विख्यात गया में इस पितृपक्ष में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने पहुंच रहे हैं

मोक्षस्थली गया में जर्मनी से आई महिलाओं ने पूर्वजों की मोक्ष प्राप्ति के लिए किया पिंडदान, तर्पण
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गया। मोक्ष स्थली के रूप में देश-दुनिया में विख्यात गया में इस पितृपक्ष में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने पहुंच रहे हैं।

इस बीच, जर्मनी से आई महिलाओं की एक टोली भी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण किया। बताया जाता है कि 12 विदेशियों के जत्थे में 11 जर्मन महिलाएं और एक पुरुष हैं। सभी विदेशी महिलाएं सनातन परंपरा के अनुसार इस मौके पर साड़ी पहनी और पूरे विधान के साथ पिंडदान किया।

आचार्य पंडित लोकनाथ गौड़ ने सभी का कर्मकांड संपन्न करवाया। उन्होंने बताया कि पश्चिमी देशों में सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि 11 महिलाओं में एक ने पुत्र और दो ने अपने पति के लिए पिंडदान किया जबकि शेष महिलाओं और एक पुरुष ने अपने माता-पिता, सास ससुर और अन्य पूर्वजों के लिए कर्मकांड किया।

करीब तीन घंटे के विधान में फल्गु तर्पण के बाद संगत घाट धूप के बीच बैठकर श्राद्धकर्म किया। पिंडदान के बाद सभी महिलाओं ने बारी-बारी से फल्गु में पिंड छोड़े। इसके बाद घाट से विष्णुपद मंदिर पहुंचें।

उल्लेखनीय है कि पितृपक्ष के मौके पर इन दिनों गया पिंडदानियों से पटा है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से पूरे पितृपक्ष की समाप्ति तक गया में आकर पिंडदान करते हैं।


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