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मप्र में पंचायत चुनाव की आहट तेज, कांग्रेस अदालत जाने की तैयारी में

मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की आहट धीरे-धीरे तेज हो चली है। सरकार द्वारा पूर्व मंे किए गए परिसीमन को निरस्त कर दिया गया है

मप्र में पंचायत चुनाव की आहट तेज, कांग्रेस अदालत जाने की तैयारी में
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भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की आहट धीरे-धीरे तेज हो चली है। सरकार द्वारा पूर्व में किए गए परिसीमन को निरस्त कर दिया गया है, राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियों में रफ्तार ला दी है। साथ ही पुराने आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव कराने की चल रही तैयारी पर कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर ने सवाल उठाए हैं और इसे असंवैधानिक करार दिया है। पार्टी ने न्यायालय में जाने की बात कही है। राज्य में पंचायत चुनाव होने में वैसे ही लगभग दो साल की देरी हो चुकी है। कोरोना संक्रमण सहित अन्य कारणों से चुनाव टलते रहे हैं, मगर अब इस बात का आभास होने लगा है कि चुनाव आने वाले एक दो माह में हो सकते हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा फोटो रहित प्रारूप मतदाता सूची का ग्राम पंचायत एवं अन्य चिन्हित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 29 नवंबर को किया जाएगा। मतदाताओं को परिसीमन के आधार पर यथा स्थान शिफ्ट करने की कार्यवाही पर दावे-आपत्ति 29 नवंबर से तीन दिसंबर तक लिए जाएंगे। प्राप्त दावे-आपत्तियों का निराकरण चार दिसंबर तक किया जाएगा। फोटोयुक्त अंतिम मतदाता सूची का ग्राम पंचायत तथा अन्य विहित स्थलों पर सार्वजनिक प्रकाशन छह दिसंबर को किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश, जारी कर उन सभी पंचायतों और उनके वार्डो अथवा जनपद पंचायत या उनके निर्वाचन क्षेत्रों अथवा जिला पंचायत या उसके निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन निरस्त किया गया है, जहां ऐसे परिसीमन के एक वर्ष के भीतर निर्वाचन की अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नहीं की गई है।

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने भाजपा सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव 2014 के आरक्षण पर कराए जाने को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पंचायत एक्ट के तहत प्रत्येक चुनाव के पूर्व रोस्टर का पालन करते हुए चक्रनुमा क्रम में आरक्षण किया जाना अनिवार्य है। यदि भाजपा सरकार 2014 का आरक्षण लागू कर पंचायत के चुनाव कराएगी तो कांग्रेस जल्द ही उच्च न्यायालय की शरण लेगी और चुनाव प्रक्रिया रोकने की मांग करेगी।

जाफर ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है। किसी भी परिस्थितियों मंे पूर्व के आरक्षण पर पंचायत चुनाव नहीं हो सकते।

जाफर ने भाजपा के मंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हंे चुनौती दी है कि यदि 1200 ग्राम पंचायतों में गलत परिसीमन हुआ तो वे साबित करके बताएं। परिसीमन का खाका कांग्रेस दफ्तर में नहीं, सरकार के अधिकारियों ने किया है। परिसीमन गलत हुआ है तो वे अधिकारियों पर कार्यवाही करें, जिन्होंने ऐसा किया था।


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