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यूरोप में डी-कंपनी से भी बड़ा ड्रग्स का धंधा चलाता है भारतवंशी सहनन

अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कुख्यात डी-कंपनी ड्रग तस्करी के लिए ब्रिटिश प्रशासन के रडार पर है

यूरोप में डी-कंपनी से भी बड़ा ड्रग्स का धंधा चलाता है भारतवंशी सहनन
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लंदन/नई दिल्ली। अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कुख्यात डी-कंपनी ड्रग तस्करी के लिए ब्रिटिश प्रशासन के रडार पर है, लेकिन फिलहाल भारतीय मूल का ड्रग सरगना शशि धर सहनन ब्रिटेन में मोस्ट वॉन्टेड भगोड़ा है।

ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए), जो संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करती है, यूरोप में हेरोइन की तस्करी में सबसे बड़े अपराध सिंडिकेट में से एक के रूप में सहनन के गिरोह को मानती है।

भारतीय में जन्मा और ब्रिटेन में पला-बढ़ा सहनन अब स्पेन से काम करता है, लेकिन अभी भी उसका परिवार लीसेस्टर में है। एनसीए के अनुसार, लंदन और बेलफास्ट सहनन के सिंडिकेट के प्रमुख ऑपरेटिंग क्षेत्र हैं।

एनसीए के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि कराची स्थित डी-कंपनी के साथ सहनन के ड्रग ऑपरेशंस को जोड़ने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन भारतीय तस्करी समूहों के साथ सहनन के जुड़ाव ने उन्हें यूरोप और ब्रिटेन में बड़ी मात्रा में बेहतरीन हेरोइन की तस्करी करने में मदद की है। दुनिया में अवैध अफीम उत्पादन के दो सबसे बड़े क्षेत्रों, अफगानिस्तान और म्यांमार के बीच स्थित भारत हेरोइन सहित यूरोप के लिए अफीम से संबंधित ड्रग्स के लिए एक प्रमुख पारगमन मार्ग रहा है।

एनसीए और इंटरपोल को शक है कि सहनन स्पेन के दक्षिण में एक स्वायत्त क्षेत्र कोस्टा डेल सोल में कहीं छिपा है। कोस्टा डेल सोल एक पर्यटक क्षेत्र है और साथ ही अपराध सिंडिकेट के लिए भी बदनाम है, जहां ज्यादातर रूसी और डच मूल के लोग रहते हैं, जिनमें से कई ड्रग तस्करी में शामिल हैं।

कहा जाता है कि नारकोटिक्स की दुनिया का बेताज बादशाह सहनन इसी जगह से अपना धंधा संचालित करता है और वह यहीं से ड्रग्स को यूरोप के विभिन्न हिस्सों में धकेल रहा है। लगभग 12 वर्षों तक ब्रिटेन के मोस्ट वांटेड ड्रग तस्कर ने अपनी नापाक गतिविधियों को जारी रखने के बावजूद लंदन, लीसेस्टर या ब्रिटेन के अन्य प्रमुख शहरों में अपने पदचिह्न् नहीं छोड़े हैं।

सहनन के संचालन की जांच से पता चलता है कि उसके कई सहयोगी भारतीय मूल के हैं। बाबू सरसिया और भरत राम सरसिया के रूप में पहचाने जाने वाले उसके दो निकट सहयोगियों को कई साल पहले 12 लाख पाउंड से अधिक रकम की बड़ी हेरोइन जब्ती में गिरफ्तार किया गया था।

लीसेस्टर में एक कार शोरूम से हेरोइन की यह खेप बरामद की गई थी। बाद में बमिर्ंघम में एक माल डिपो पर भी पुलिस ने छापा मारा और 16 लाख पाउंड से अधिक मूल्य की हेरोइन जब्त की गई। बरामदगी को सीधे तौर पर मास्टरमाइंड सहनन के साथ जोड़ा गया था, जो उस समय ब्रिटेन से भागने में कामयाब रहा।

वास्तव में ब्रिटेन में हेरोइन की तस्करी में भारतीय मूल के गिरोह का वर्चस्व रहा है। एक दशक पहले दाऊद इब्राहिम का करीबी इकबाल मिर्ची लंदन के बाहरी इलाके में एक आलीशान विला से गुपचुप तरीके से काम कर रहा था। भारतीय जांच एजेंसी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हालांकि उसके प्रत्यर्पण के लिए भरपूर कोशिश की, लेकिन जब सीबीआई ब्रिटिश ट्रायल कोर्ट में उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सकी तो गैंगस्टर को राहत मिल गई।

वर्तमान में दाऊद का एक अन्य प्रतिनिधि जाबिर मोतीवाला एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग फाइनेंसिंग मामले में शामिल है और लंदन में वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत में प्रत्यर्पण परीक्षण का सामना कर रहा है। अमेरिका की ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (डीईए) ने उस पर डी-कंपनी की ओर से वित्तीय अनुबंधों का प्रबंधन करने का आरोप लगाया है, जो अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी से संबंधित है।


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