मध्यप्रदेश के प्रत्येक थाने में होगा एक गुप्तचर आरक्षक: पुलिस महानिरीक्षक
मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संतोष कुमार सिंह ने कहा कि प्रत्येक पुलिस थाने में एक आरक्षक को अपने थाना क्षेत्र की गोपनीय सूचनाएं एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई

भिण्ड। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संतोष कुमार सिंह ने कहा कि प्रत्येक पुलिस थाने में एक आरक्षक को अपने थाना क्षेत्र की गोपनीय सूचनाएं एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
श्री सिंह यहां पुलिस अधिकारी व थाना प्रभारियो की कल बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस आरक्षक को अन्य कार्यों से मुक्त रखा जाएगा। जिस आरक्षक को गोपनीय सूचनाए एकत्रित करने का कार्य सौंपा गया है उसका नाम व मोबाइल फोन नम्बर पुलिस के आला अफसरों के पास रहेगा। कोई भी अधिकारी किसी भी समय उससे गोपनीय सूचनाओं के बारे में जानकारी ले सकता है। अगर आरक्षक जानकारी बताने में असमर्थ रहा तो संबंधित थाने का थाना प्रभारी व पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे।
चंबल संभाग के आईजी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सभी प्रकार के अपराधों का समय सीमा में कार्य हो। खासकर महिला संबंधी अपराधों में पेंडेंसी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि महिला संबंधी अपराधों की हर एक पखवाड़े (15 दिन) के बाद डीआईजी खुद इसकी समीक्षा करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि माइनर एक्ट की कार्रवाईयां लगातार चलती रहना चाहिए। इसके अलावा आदतन अपराधियों पर एनएसए और जिला बदर जैसी कार्रवाइयों के लिए भी वरिष्ठ अधिकारियों को शीघ्रता से प्रस्ताव भेजे जाएं।
बैठक में पिछले चार महीने में कानून व्यवस्था की स्थिति और कार्रवाइयों को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान जिले में जो स्थिति निर्मित हुई उसका विस्तार से रिव्यु किया जाए। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से सात दिन में इसकी रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत बंद में उपद्रव करने वाले जो लोग गिरफ्तारी से शेष रह गए हैं, उन पर इनाम की राशि बढाने की कार्रवाई की जाए। इसके अलावा उनकी संपत्ति को कुर्क करने की भी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि हर्ष फायरिंग को गंभीरता से लिया जाए। किसी भी हालत में हर्ष फायरिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए सभी थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारी तत्परता से कार्रवाई करें।


