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दिल्ली में सत्ताधारी 'आप' ने किया बड़ा प्रदर्शन, माकपा ने दिया साथ

दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की अघोषित हड़ताल के के कारण सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और उपराज्यपाल के बीच छिड़ी जंग के बीच रविवार को आप ने राजधानी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया

दिल्ली में सत्ताधारी आप ने किया बड़ा प्रदर्शन, माकपा ने दिया साथ
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नई दिल्ली। दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों (आईएएस) की अघोषित हड़ताल के के कारण सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और उपराज्यपाल के बीच छिड़ी जंग के बीच रविवार को आप ने राजधानी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपराज्यपाल के आवास पर धरना देते हुए रविवार को एक सप्ताह हो गया। उपराज्यपाल ने अभी तक मुख्यमंत्री से बात करना जरूरी नहीं समझा है। आप सदस्यों ने मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यकर्ताओं के साथ हजारों की संख्या में रविवार शाम चार बजे नई दिल्ली के मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन से प्रधानमंत्री आवास की तरफ पार्टी के झंडे और तिरंगे लहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित 'तानाशाही व्यवहार' के विरोध में नारे लगाते हुए जुलूस शुरू निकाला, लेकिन पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुलिस ने बल प्रयोग कर जुलूस को जंतर मंतर की ओर मोड़ दिया।

विरोध प्रदर्शन उपराज्यपाल अनिल बैजल के योजनाओं की फइलें रोकने को लेकर विवाद, नौकरशाहों के असहयोग और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने जैसे कई मुद्दों को लेकर किया गया। दिल्ली सरकार के अनुसार, आईएएस अधिकारी कई महीनों से काम नहीं कर रहे हैं, जिस कारण अव्यवस्था फैल रही है। दिल्ली में ही बैठी केंद्र सरकार सब देख रही है और नौकरशाहों की पीठ थपथपा रही है।

माकपा मासचिव सीताराम येचुरी भी आप और केजरीवाल के प्रति समर्थन दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए।

लगभग दो घंटों से ज्यादा चले जुलूस में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा, अतिशी मारलेना जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित, दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत, राजेंद्र पाल गौतम, दिलीप पांडे, कई आप विधायक और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल रहे।

आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रदर्शन में 4,500 लोगों के शामिल होने का दावा करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को मंडी हाउस पहुंचने से रोकने की कोशिश के बावजूद विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए।

भारद्वाज ने कहा, "पांच मेट्रो स्टेशन बंद करने, बसें बंद करने, जगह-जगह बाड़ लगाने और दिल्ली पुलिस के संयुक्त प्रयासों के बावजूद कार्याकर्ताओं की 538 बसें मौके पर पहुंच गईं। 4,500 से ज्यादा की भीड़ ने मुझे 2011-12 के आंदोलन की याद दिला दी।"

इससे पहले पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी और आंदोलनकारियों को चेतावनी दी गई थी। प्रधानमंत्री के आवास के पास एहतियातन बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।

नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त मधु वर्मा ने कहा, "प्रदर्शनकारियों को आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा गया था। वे हमें सुन रहे थे।"

शाम लगभग छह बजे आप कार्यकर्ताओं और वाम दलों ने जुलूस के पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन पर पहुंचते ही शांतिपूर्वक प्रदर्शन खत्म कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे 10 लाख लोगों के समर्थन के लक्ष्य के साथ एक हस्ताक्षर अभियान शुरू करेंगे। इसके बाद उनके हस्ताक्षरों वाली याचिका मोदी को भेजेंगे।

प्रदर्शनकारियों द्वारा मेट्रो स्टेशनों और गलियों में जुलूस निकालने के कारण मध्य दिल्ली में जाम की स्थिति बन गई।

इसके बाद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि दिल्ली की जनता दुखी और अपमानित महसूस कर रही है। उन्होंने मोदी से दिल्ली सरकार को काम करने देने का अनुरोध किया।


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