नाले में गिरकर बच्चे की मौत मामले में नगर आयुक्ततलब
साहिबाबाद के कौशाम्बी इलाके में खुले नाले में गिरने से हुई एक बच्चे की मौत के मामले में तीन साल तक आयोग के आदेशों का पालन न करना नगर आयुक्त को भारी पड़ गया
गाजियाबाद। साहिबाबाद के कौशाम्बी इलाके में खुले नाले में गिरने से हुई एक बच्चे की मौत के मामले में तीन साल तक आयोग के आदेशों का पालन न करना नगर आयुक्त को भारी पड़ गया। आयोग ने आदेश की अवमानना करने के मामले में 22 सितम्बर को आयोग में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जबाव मांगा है। अधिकारी को बताना होगा कि तीन साल तक आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ और पीड़ित परिवार के लिए अब तक क्या किया गया।
गौरतलब है कि कौशाम्बी इलाके मे होटल रेडिसन ब्लू के पास 8 मार्च 2014 को खुले नाले में गिरने से ढाई साल के युवराज पुत्र दुर्गेश की मौत हो गई थी। इस मामले में शहीद नगर निवासी मानव अधिकार कार्यकर्ता राजीव कुमार शर्मा ने मृतक बच्चे युवराज के मानव अधिकारों के हनन का मामला मानते हुए 10 मार्च 2014 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में एक जनहित याचिका दाखिल कर मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलवाने और इस घटना के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी। मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में 7 जून 2014 को गाजियाबाद के नगर आयुक्त को 8 सप्ताह में कार्रवाई कर, की गई कार्रवाई से याचिकाकर्ता राजीव कुमार शर्मा को अवगत कराने के आदेश दिए थे।
जब इस मामले में नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी, तो राजीव कुमार शर्मा ने पुनरू आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए आयोग के आदेश का पालन न करने का मामला मानते हुए अवमानना याचिका दाखिल की। आयोग के तीन बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी जब निगम की ओर से कोई रिपोर्ट आयोग को नहीं भेजी गयी तो अवमानना का गम्भीर मामला मानते हुए नगरायुक्त को सम्मन जारी किया गया। ह्यूमन राइड डिफेंडर राजीव शर्मा ने बताया कि इस मामले में नगर निगम की तरफ से आयोग की अवमानना की गई। तीन साल तक गुमराह करने का काम किया गया। अब नगर आयुक्त को 22 सितम्बर को उपस्थित होकर कारवाई की जानकारी देनी होगी।


